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फिर ठप हुई सदर अस्पताल की ओपीडी सेवा, मरीज हो रहे परेशान

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एमके आलम के मौखिक आदेश के बाद सदर अस्पताल में बुधवार से ही ओपीडी सेवा को बंद कर दिया गया है. हालांकि नेत्र रोग के ओपीडी को डॉ अनिल कुमार सिंह चला रहे हैं. इसके अलावा शिशु रोग, महिला, आर्थो, इएंडटी, स्कीन तथा डेंटल सहित सभी विभागों के ओपीडी बंद […]

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एमके आलम के मौखिक आदेश के बाद सदर अस्पताल में बुधवार से ही ओपीडी सेवा को बंद कर दिया गया है. हालांकि नेत्र रोग के ओपीडी को डॉ अनिल कुमार सिंह चला रहे हैं. इसके अलावा शिशु रोग, महिला, आर्थो, इएंडटी, स्कीन तथा डेंटल सहित सभी विभागों के ओपीडी बंद हैं. ओपीडी नहीं चलने से ग्रामीण क्षेत्रों से दिखाने आनेवाले मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.
सीवान : स्वास्थ्य विभाग द्वारा डॉक्टरों व कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति रद्द किये जाने के बाद सिविल सजर्न डॉ अनिल कुमार चौधरी ने विभाग को एक त्रहिमाम संदेश भेज कर सदर अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा बहाल करने के लिए डॉक्टरों की मांग की.
विभाग ने मांगों पर विचार करते हुए सात डॉक्टरों को सदर अस्पताल में बहाल करने का आदेश दिया.नये डॉक्टरों के मिलने के बाद सदर अस्पताल की व्यवस्था सुधरने की जगह और बिगड़ गयी. सदर अस्पताल में काम करने वाले 12 डॉक्टरों में सात डॉक्टर आज की तारीख में छुट्टी पर हैं.
छुट्टी पर जानेवाले डॉक्टरों में डॉ श्वेता रानी, डॉ रीता रानी चौधरी, डॉ शिखा,डॉ रवि रंजन, डॉ आरसी चौधरी, डॉ चंद्रशेखर,डॉ वीरेंद्र कुमार तथा उपाधीक्षक डॉ एमके आलम शामिल हैं. इनके अलावा जो पांच चिकित्सक डॉ कालिका कुमार सिंह, डॉ मुकेश कुमार, डॉ अनिल कुमार सिंह, डॉ राजेश्वर सिंह तथा डॉ प्रियंका बचे हैं, उनके भरोसे महिला और पुरुष इमरजेंसी है.
सीएस की पदस्थापना नहीं होने से परेशानी बढ़ी
सदर अस्पताल के सिविल सजर्न डॉ अनिल कुमार चौधरी का विभाग ने गोपालगंज में मेडिकल अफसर के रूप में तबादला कर दिया, लेकिन सीवान में सिविल सजर्न के पद पर किसी की पदस्थापना नहीं किये जाने से स्वास्थ्य सेवा और लचर हो गयी है.
ऐसा देखा जा रहा है कि तत्कालीन सीएस डॉ अनिल कुमार चौधरी का स्थानांतरण हो जाने के बाद उनकी रुचि व्यवस्था को ठीक करने में नहीं है. इस कारण जिले के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा और चरमरा गयी है. महिला इमरजेंसी में किसी डॉक्टर की ड्यूटी क्यों नहीं लगायी गयी है, इस बात की चिंता किसी को नहीं हैं. हां, डॉक्टरों को छुट्टी देकर व्यवस्था को और लचर बनाने का प्रयास जरूर किया जा रहा है.
सदर अस्पताल का प्रबंधन करने वाले अस्पताल प्रबंधक भी तीन तारीख से लंबी छुट्टी पर हैं. सदर अस्पताल में इलाज के लिए दवा या कर्मचारी है या नहीं, कोई देखनेवाला नहीं है. कुल मिला कर सब कुछ भगवान भरोसे ही चल रहा है.

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