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बर्न मरीजों में बढ़ा संक्रमण का खतरा

जेनरल वार्ड में भरती हो रहे मरीज, बर्न वार्ड के पुलिस कैंप बनने से बढ़ी परेशानी सीवान : सदर अस्पताल के बर्न वार्ड को अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा में लगे अतिरिक्त बीएमपी जवानों का कैंप स्थल बना दिया है. इसके बाद से बर्न मरीज पुरुष व महिला वार्ड में भरती हो रहे है. इससे उन्हें […]

जेनरल वार्ड में भरती हो रहे मरीज, बर्न वार्ड के पुलिस कैंप बनने से बढ़ी परेशानी
सीवान : सदर अस्पताल के बर्न वार्ड को अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा में लगे अतिरिक्त बीएमपी जवानों का कैंप स्थल बना दिया है. इसके बाद से बर्न मरीज पुरुष व महिला वार्ड में भरती हो रहे है. इससे उन्हें इलाज में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मालूम हो कि बर्न वार्ड वातानुकूलित होना आवश्यक होता है. साथ ही उसकी साफ-सफाई भी बहुत जरूरी है. पर ऐसे मरीजों को अस्पताल प्रशासन सामान्य वार्ड में ही भरती कर रहा है, जहां बर्न के अलावा अन्य बीमारियों के मरीज भरती हैं.
इधर, सदर अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पुरुष वार्ड में ही चलाया जा रहा है. उसी वार्ड में पुरुष बर्न मरीजों को भरती किया जा रहा है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है. बर्न मरीजों को कितनी परेशानी होती होगी. उन्हें न वातानुकूलित हॉल मिल रहा है और न ही साफ-सफाई का ध्यान दिया जा रहा है. मालूम हो कि गत सोमवार को हुई तोड़फोड़ व आगजनी की घटना के बाद जिला प्रशासन ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी थी.
अस्पताल की सुरक्षा के लिए होम गार्ड जवानों के साथ-साथ अतिरिक्त बीएमपी जवानों को तैनात किया गया है. इन पुलिस कर्मियों के ठहरने के लिए बर्न वार्ड में स्थान दिया गया है.जब से पुलिस के जवान ठहर रहे है. उस समय से बर्न वार्ड में भरती होनेवाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर अलग रूम में ऐसे मरीजों को भरती करना चाहिए था, लेकिन प्रशासन इन्हें पुरुष व महिला वार्ड में भरती कर रहा है.
इधर,जवान भी बर्न वार्ड में रहने से कतरा रहे हैं, लेकिन उनकी ठहरने की व्यवस्था नहीं होने से वे जैसे-तैसे इस वार्ड में अपनी रातें गुजार रहे हैं. मालूम हो कि घटना में अस्पताल को लाखों की क्षति हुई थी. इसी को लेकर इन जवानों की तैनाती की गयी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
बर्न मरीजों को भरती करने के लिए जल्द ही वैकल्पिक व्यवस्था की जायेगी. अभी उन्हें पुरुष व महिला वार्ड में ही भरती किया जा रहा है.
डॉ एमके आलम, उपाधीक्षक , सदर अस्पताल
अपनों की गलतियों का खामियाजा भुगत रहे मरीज
पिछली 20 अप्रैल को आक्रोशित भीड़ के द्वारा सदर अस्पताल में आगजनी व तोड़-फोड़ करने के मामले के बाद मरीजों को हर दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
अपनों की कारगुजारी का खामियाजा अब खुद मरीज भुगतने को मजबूर हैं. बर्न वार्ड में मरीजों की जगह सुरक्षा के नाम पर पुलिस बल कब्जा जमाये बैठे हैं.जबकि जले हुए मरीजों को जेनरल वार्ड में भरती कराया जा रहा है.
तोड़-फोड़ की घटना के बाद लगातार पांच दिनों तक स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह ठप रही. इसके बाद भी अभी व्यवस्था पूरी तरह पटरी पर नहीं लौटी है.उधर, जले हुए मरीजों में अव्यवस्था के चलते संक्रमण का खतरा बना हुआ है.

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