पंचायत सचिव की कमी से बाधित हो रहा विकास कार्यजीरादेई. सरकार द्वारा पंचायत के विकास के लिए विभिन्न तरह की जन कल्याणकारी घोषणाएं की जा रही हैं, लेकिन पंचायत सचिवों की कमी सरकारी घोषणाओं के पालन में बाधा खड़ी कर देती है. प्रखंड की 16 पंचायतों का कार्य मात्र आठ पंचायत सचिव के भरोसे है. एक पंचायत सचिव दो पंचायतों के प्रभार में हैं, जिसके चलते सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को समय से नहीं मिल पा रहा है. पंचायतों में चलनेवाले सभी विकास कार्यों का संचालन मुखिया की अध्यक्षता में पंचायत सचिव द्वारा ही होता है. इसमें चतुर्थ वित्त आयोग, 13वें वित्त आयोग, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र का रजिस्ट्रेशन व प्रमाण पत्र निर्गत करना शामिल है. वहीं गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करनेवाले परिवार को मृत्यु के बाद कबीर अंत्येष्टि मुख्य मंत्री कन्या विवाह का जांच करना समेत सचिव द्वारा निबटाया जाता है. दो पंचायत के प्रभार के चलते उन पर इतना बोझ पड़ जाता है कि लोगों का कार्य समय पर पूर्ण नहीं हो पाता है और आये दिन पंचायत सचिव व काम कराने आये लोगों में नोक- झोक होती रहती है. इस संबंध में बीडीओ राघवेंद्र कुमार त्रिपाठी का कहना है कि प्रखंड में पंचायत सचिव की संख्या कम है. फिर भी लोगों के सुविधाओं का ख्याल रख कर उनके कार्यों का समय पर निष्पादन करने का प्रयास किया जाता है.
16 पंचायतों में सिर्फ आठ पंचायत सचिव
पंचायत सचिव की कमी से बाधित हो रहा विकास कार्यजीरादेई. सरकार द्वारा पंचायत के विकास के लिए विभिन्न तरह की जन कल्याणकारी घोषणाएं की जा रही हैं, लेकिन पंचायत सचिवों की कमी सरकारी घोषणाओं के पालन में बाधा खड़ी कर देती है. प्रखंड की 16 पंचायतों का कार्य मात्र आठ पंचायत सचिव के भरोसे है. […]
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