23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

विश्व ग्लूकोमा सप्ताह में नहीं हुई एक भी व्यक्ति की जांच

सदर अस्पताल परिसर में एक दो-दो पोस्टर लगा की गयी खानापूर्ति सीवान : आठ से 14 मार्च तक पूरे विश्व में विश्व ग्लूकोमा सप्ताह मनाया गया, लेकिन सीवान में इस कार्यक्रम को जिला अंधापन निवारण समिति ने सदर अस्पताल परिसर में एक -दो पोस्टर लगा कर इसकी खानापूर्ति भर कर दी.पूरे जिले में आंख के […]

सदर अस्पताल परिसर में एक दो-दो पोस्टर लगा की गयी खानापूर्ति
सीवान : आठ से 14 मार्च तक पूरे विश्व में विश्व ग्लूकोमा सप्ताह मनाया गया, लेकिन सीवान में इस कार्यक्रम को जिला अंधापन निवारण समिति ने सदर अस्पताल परिसर में एक -दो पोस्टर लगा कर इसकी खानापूर्ति भर कर दी.पूरे जिले में आंख के एकमात्र चिकित्सक सदर अस्पताल में हैं. उन्हीं के भरोसे विभाग जिले के सभी आंख से संबंधित कार्यक्रमों को पूरा करता है.
पूर्व के कार्यक्रमों के तरह विभाग ने विश्व ग्लूकोमा दिवस भी मना लिया. भले ही एक भी व्यक्ति की जांच इस कार्यक्रम के तहत नहीं हुई हो. जिस तरह से विभाग ने इस कार्यक्रम को मनाया, उससे तो आमलोगों की जांच की बात तो दूर, लोग इस बीमारी से परिचित भी नहीं हुए.
क्यों होती है आंखों की बीमारी ग्लूकोमा : इस बीमारी को समलबाइ या काला मोतियाबिंद के नाम से भी जाना जाता है. यह बीमारी ऑप्टिक नर्व की ऐसी बीमारी है,जिसमें ऑप्टिक नर्व आंख का प्रेशर बढ़ने से सूखने लगती है. सामान्यत: यह बीमारी आंखों के प्रेशर बढ़ने से होती है. लेकिन कुछ व्यक्तियों में आंख का प्रेशर सामान्य रहने पर भी यह बीमारी हो जाती है.
ग्लूकोमा बीमारी के प्रकार : मुख्यत: ग्लूकोमा ओपेन एंगल और एंगल क्लोजर दो तरह का होता है.आंखके अंदर पानी का प्रवाह आंख के अगले भाग से पिछले भाग में नहीं जा पाता है, जिसके चलते आंख का प्रेशर बढ़ता है और ऑप्टिक नर्व सूखने लगती है. नियमित रूप से आंखों की जांच एक मात्र सबसे बढ़िया उपाय है. इससे बचने के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ आंखों का गोनियोस्कोपी,ऑफ्थलमोस्कोपी या जरूरत पड़ने पर पेरीमेट्री टेस्ट कराते हैं.
ग्लूकोमा बीमारी के लक्षण
सामान्यत: आंख का प्रेशर 16 से 22 एमएम एचजी होना.
अंधेरे रूम में असामान्य परेशानियों का होना.
नजदीक या दूर की वस्तु को देखने में असामान्य परेशानी का होना.
एक वस्तु का दो-दो दिखना.
बार-बार आंख में या आंख के चारों तरफ दर्द का होना.
देखने के दौरान काला धब्बा दिखना.
सीधी रेखा या किसी वस्तु के किनारा टेढ़े-मेढ़े दिखना.
कार्निया के चारों तरफ हल्की लाली का होना.
निमA लक्षण होने पर डॉक्टर से करें तुरंत संपर्क
अचानक एक आंख की रोशनी का जाना.
अचानक रोशनी का धुंधला होना.
आंखों में फ्लैश ऑफ लाइट या काला धब्बा आना.
हैलारेज या इंद्रधनुषी रंग प्रकाश के चारों तरफ दिखना.
उपरोक्त लक्षण होने पर कोई जरूरी नहीं है कि आपको ग्लूकोमा है. लेकिन इन लक्षणों के अनुभव होने पर अपने नेत्र चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें.
क्या कहते हैं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ शरद चौधरी
ग्लूकोमा के लिए केवल आंख का प्रेशर बढ़ना ही एकमात्र लक्षण नहीं है.ग्लूकोमा होने के लिए कई रिस्क फैक्टर हैं, जिसे जोड़ कर नेत्र रोग विशेषज्ञ फैसला लेते है. रिस्क फैक्टर में उम्र,आंखों का हाइ प्रेशर,कार्निया का पतला होना,ग्लूकोमा का परिवार के किसी सदस्य को होना, आंख में चोट लगना, सीवियर एनीमिया, ब्लड सुगर, ब्लड प्रेशर का मरीज होना आदि है. इस रोग का इलाज प्रकृति और सुरक्षा पर निर्भर करता है. इस बीमारी को ठीक नहीं कंट्रोल किया जा सकता है.
क्या कहते हैं एएसीएमओ डॉ. सूर्यदेव चौधरी
सदर अस्पताल के ओपीडी में ग्लूकोमा के मरीजों की जांच हुई है. डॉक्टरों की कमी के कारण नेत्र जांच शिविर का आयोजन नहीं किया जा सका. इस बीमारी के संबंध में लोगों को जागरूक करने के लिए जिले में प्रचार-प्रसार किया गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें