सीवान : अभिमन्यु हत्याकांड के मुख्य आरोपित हरि सिंह के खिलाफ शुक्रवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट ओमप्रकाश सिंह-दो ने फैसला सुनाया.रंगदारी नहीं देने पर हत्या के मामले में अपराधी को आजीवन कारावास तथा 20 हजार रुपये का अर्थदंड देने का आदेश दिया.
सत्रवाद संख्या 273/11 में महाराजगंज थाने के जगदीशपुर गांव के अजीत कुमार सिंह ने अपने बयान में कहा है कि 25 दिसंबर, 2010 को संध्या पांच बजे गांव के ही काली मंदिर के पास अपने भाई लाल बहादुर सिंह के साथ बैठा था, उसी समय उनका भगीना अभिमन्यु घर से बथान आ रहा था. जैसे ही वह किशुन ठाकुर के घर के पास पहुंचा अपराधी गुड्डू सिंह व पप्पू सिंह ने पकड़ लिया तथा हरि सिंह ने उसे गोली मार दी, जिससे उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गयी.
मृतक अभिमन्यु उर्फ बिट्टू मूलत: सिसवन थाने के बघौना गांव का रहने वाला था,जो अपने मामा के घर जगदीशपुर में आया हुआ था. सत्रवाद में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक रवींद्र नाथ शर्मा तथा बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता सुभाष्कर पांडेय ने बहस की. न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि अर्थदंड की राशि 20 हजार रुपये मृतक की मां कबूतरी देवी को आरोपित द्वारा देनी होगी.
इसे न अदा करने पर सजा की अवधि एक वर्ष और बढ़ा दी जायेगी.अभिमन्यु हत्याकांड में कोर्ट ने चार वर्ष बाद यह फैसला सुनाया है. इसमें नौ गवाहों की गवाही हुई थी. अनुसंधानकर्ता अशोक सिंह ने दो आरोपितों को फरार दिखाते हुए हरि सिंह के विरुद्ध आरोप पत्र घटना के छठे माह में दाखिल किया था.