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जिले में ही मिलेगा प्रशिक्षण

सीवान : जिले के मत्स्य पालन करने वाले प्रगतिशील पालकों के लिए खुशखबरी है. अब उन्हें मछली पालन से संबंधित प्रशिक्षण के लिए इधर– उधर अन्य जिलों या फिर प्रांतों में नहीं भटकना पड़ेगा. क्योंकि जल्द ही जिले में भी मछली पालन प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ होने जा रहा है. सब कुछ ठीक रहा तो […]

सीवान : जिले के मत्स्य पालन करने वाले प्रगतिशील पालकों के लिए खुशखबरी है. अब उन्हें मछली पालन से संबंधित प्रशिक्षण के लिए इधरउधर अन्य जिलों या फिर प्रांतों में नहीं भटकना पड़ेगा. क्योंकि जल्द ही जिले में भी मछली पालन प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ होने जा रहा है.

सब कुछ ठीक रहा तो 15 अगस्त के बाद प्रशिक्षण मिलना शुरू भी जायेगा. सबसे खास बात यह है कि पालक जिले में ही ट्रेनिंग ले अपनी बेकार पर भूमि से लाभ कमा सकते हैं.

बता दें कि गोरेयाकोठी प्रखंड के चैनपुर गांव निवासी अधिवक्ता चंद्रकेतु सिंह के प्रथम पुत्र कुमार राकेश शुरू में बीमा कंपनी में काम करते थे. तभी उनके मन में आया कि क्यों गांव की बंजर भूमि पर कोई व्यवसाय किया जाये. उनके मन में मछली पालन का ख्याल आया. उन्होंने यह बात परिजनों गांव के कुछ लोगों को बतायी.

इसके बाद राकेश ने मछली पालन शुरू किया. उन्होंने मत्स्य पदाधिकारी मनीष श्रीवास्तव तत्कालीन मत्स्य विभाग के मंत्री गिरिराज सिंह की देखरेख में इस परियोजना की शुरुआत की. जनवरी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका शुभारंभ किया. इस परियोजना के तहत मछली पालन के अलावा मत्स्य बीजों का भी उत्पादन होने लगा.

हाल ही में चंवर भूमि को विकसित कर मछली पालन के बेहतर प्रयास के लिए कुमार राकेश को कोलकाता के बैरकपुर में राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया. गत दिनों कुमार राकेश ने प्रभात खबर से हुई बातचीत में बताया कि उनका अगला कदम प्रोजेक्ट इको टूरिज्म ट्रेनिंग सेंटर खोलना है. वह चाहते हैं कि जिले के प्रगतिशील किसान ट्रेनिंग के लिए इधरउधर भटकें. उन्हें जिले में समुचित मछली पालन की ट्रेनिंग मिल जाये. वह लगातार प्रयास में लगे हैं कि तय तिथि तक प्रशिक्षण का शुभारंभ हो जाये.

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