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परीक्षाओं में गेस पेपर पर ज्यादा निर्भरता ठीक नहीं
सीवान : प्रतियोगी परीक्षा हो या बोर्ड की परीक्षा नजदीक आने के साथ ही अभ्यर्थियों की निर्भरता काफी हद तक गेस पेपर पर बढ़ जाती है. ऐसा ही कुछ माहौल डीएवी मोड़ से लेकर महादेवा रोड तक की दुकानों पर आसानी से देखने को मिल रहा है, जहां अभ्यर्थी गेस पेपर खरीदने के लिए पहुंच […]
सीवान : प्रतियोगी परीक्षा हो या बोर्ड की परीक्षा नजदीक आने के साथ ही अभ्यर्थियों की निर्भरता काफी हद तक गेस पेपर पर बढ़ जाती है. ऐसा ही कुछ माहौल डीएवी मोड़ से लेकर महादेवा रोड तक की दुकानों पर आसानी से देखने को मिल रहा है, जहां अभ्यर्थी गेस पेपर खरीदने के लिए पहुंच रहे हैं.
इधर दुकानदारों द्वारा कई प्रकाशनों के गेस पेपर दिखाये जाने से दुविधा में नजर आ रहे हैं. सामान्य तौर पर परीक्षा नजदीक आने के साथ ही यह स्थिति हर बार देखने को मिलती है. इधर मैट्रिक व इंटर की परीक्षा तथा बिहार एसएससी व बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा को लेकर प्रकाशकों ने कई प्रकार के मॉडल प्रश्न पत्रों को बाजार में उतार दिया हैं. इनके चयन व सही तरीके के इस्तेमाल को लेकर अभ्यर्थी उलझन में दिख रहे हैं.
स्तरीय मॉडल प्रश्न पत्रों के चयन को दें प्राथमिकता : बाजार में निमA गुणवत्ता वाले मॉडल प्रश्न पत्रों की बिक्री भी जोरों पर हो रही है, जिनके प्रश्नों का स्तर बेहद निमA है तथा उसमें कई गलतियां आसानी से देखी जा सकती हैं. इसलिए प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर चुके लोगों की मानें, तो उच्च स्तरीय प्रकाशनों के मॉडल प्रश्न पत्रों का चयन कर नियमित अभ्यास पर जोर दे रहे हैं. निमA स्तरीय मॉडल प्रश्न पत्रों का चयन आपकी तैयारी में बाधा उत्पन्न कर सकता है.
बीपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर चुके अशोक तिवारी का मानना है कि तैयारी के स्तर को हमेशा उच्च बनाने का प्रयास करना चाहिए, इससे एक तरफ जहां मनोबल बढ़ता है, वहीं तैयारी भी अच्छी दिशा में जाती है.
शत-प्रतिशत न करें भरोसा : अक्सर अभ्यर्थी मॉडल प्रश्न पत्रों को परीक्षा में पूछे जानेवाले प्रश्न पत्रों का प्रारूप मान लेते हैं. लेकिन श्री तिवारी का कहना है कि मॉडल प्रश्न पत्रों पर बहुत ज्यादा भरोसा करना खतरे से खाली नहीं होगा. इसे केवल प्रश्न के प्रारूप का एक जरिया मात्र मानना चाहिए. कई अभ्यर्थी मॉडल प्रश्न पत्रों में टीक लगा कर इसे नोट्स के रूप में इस्तेमाल करते हैं. जानकार इसे गलत प्रवृत्ति मानते हैं. ऐसे पढ़ाई करने से तथ्यों व तैयारी के उलझने का डर बना रहता है.
हल की तीव्रता को दें बढ़ावा: मॉडल प्रश्न पत्रों का इस्तेमाल सबसे अधिक प्रश्नों के हल करने की तीव्रता को बढ़ावा देने के रूप में करना चाहिए. सफल अभ्यर्थियों का मानना है कि विशेष कर गणित व रीजनिंग के प्रश्न पत्रों में मॉडल प्रश्न पत्र तीव्रता बढ़ाने में ज्यादा कारगर होते हैं, जबकि सामान्य अध्ययन में प्रश्नों के पैटर्न को समझना ज्यादा जरूरी होता है.
क्या कहते हैं अभ्यर्थी
बाजार में बहुत सारे मॉडल प्रश्न पत्र बिक रहे हैं. इस कारण इनके चयन में समस्या आ रही है. लेकिन मॉडल प्रश्न पत्रों के बिना परीक्षा के दौरान पूछे जाने वाले प्रश्नों के प्रारूप को समझना आसान नहीं होगा.
प्रीतेश कुमार, छात्र
मॉडल प्रश्न पत्र प्रश्नों के हल करने की रफ्तार समय प्रबंधन में कारगर हो सकती है. इसलिए इसका उपयोग कर रहा हूं.
अजय यादव, छात्र
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