हाजीपुर. गांधी जयंती के अवसर पर दो अक्तूबर से शुरू हो रहे बाल कुपोषण मुक्त बिहार अभियान को लेकर जिलाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने आज बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर इस संबंध में सभी को विभागीय निर्देश से अवगत कराया है.
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अजय कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि बाल कुपोषण मुक्त बिहार बनाने के अभियान में सभी बाल विकास परियोजना स्तर पर सेविकाओं,सहायिकाओं, महिला पर्यवेक्षिका एवं सीडीपीओ को दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मुखियाओं के लिए 23 सितंबर को प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. इस अभियान के तहत सामग्री क्रय हेतु राज्य स्तर से सीधे आंगनबाड़ी केंद्रों के बैंक खाता में राशि दी जा रही है. अभियान शुभारंभ की तिथि को सभी आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे पोशाक में रहेंगे.
साथ ही साथ सेविका एवं सहायिका भी अपने यूनिफॉर्म में दिखेंगी. जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ने बताया कि पंचायतों में मुखिया की अध्यक्षता में आंगनबाड़ी विकास समिति का गठन किया जा रहा है. जिसमें सदस्य के रूप में लाभुक, बच्चों के अभिभावक, किशोरी, आशा, केंद्र की सेविका, निकटतम विद्यालय की शिक्षिका एवं अन्य ग्रामीण मौजूद रहेंगे. अभियान के तकनीकी सलाहकार केयर इंडिया के मानसून मोहंती ने जानकारी देते हुए कहा कि इसके अंतर्गत शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों की सही देख भाल, उन्हें समुचित स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करना, टीकाकरण, पोषण व स्वच्छता को समेकित रूप में उन्हें उपलब्ध कराया जाना निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि दस में से पांच बच्चे बिहार में कुपोषण के शिकार हैं.
इसके लिए बाल विकास योजना विभाग, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग अभियान के तहत समेकित रूप से बाल कुपोषण मुक्त बिहार बनाने की दिशा में मिल कर कार्य करने की जरूरत है. समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने सभी सीडीपीओ से कहा कि माननीय उच्च न्यायालय में आपके विभाग से संबंधित मामले सबसे अधिक हैं. उन्होंने लंबित मामलों का त्वरित निष्पादन करने का निर्देश दिया. सेविका-सहायिका चयन के संबंध में जिलाधिकारी ने जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को निर्देश दिया कि जहां चयन में विवाद है उसकी समीक्षा कर लें. यदि आवश्यक हो तो सुरक्षा बल एवं दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति का प्रस्ताव दें. किशोरियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण, सिलाई-कढ़ाई, ब्यूटीशियन, कंप्यूटर आदि विषयों पर आदर्श आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे.