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ठंड बढ़ते ही घरों में दुबकने को मजबूर हुए लोग
कुहरे से वाहन चालकों को हुई परेशानी ठंड से मरीजों की संख्या में हुई वृद्धि सीवान : लगातार तीन दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड ने लोगों को परेशान कर दिया है. इसके चलते अब लोग अपने घरों में रहना पसंद कर रहे हैं. हालांकि दिन में धूप निकल रही है. लेकिन धूप भी […]
कुहरे से वाहन चालकों को हुई परेशानी
ठंड से मरीजों की संख्या में हुई वृद्धि
सीवान : लगातार तीन दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड ने लोगों को परेशान कर दिया है. इसके चलते अब लोग अपने घरों में रहना पसंद कर रहे हैं. हालांकि दिन में धूप निकल रही है. लेकिन धूप भी पछुआ हवा के सामने बेबस पड़ जा रही है. धूप खिलने के बाद अचानक गलन बढ़ जा रही है. इधर, ठंड से मरीजों की संख्या अचानक बढ़ने लगी है. सदर अस्पताल में राहत के लिए मुकम्मल इंतजाम नहीं होने से मरीजों की परेशानी बढ़ गयी है.
पिछले तीन दिनों से लगातार पारा गिरने से गलन बढ़ गयी है. इससे सबसे अधिक वृद्ध व बच्चों को परेशानी उठानी पड़ रही है. शूगर, रक्तचाप, अस्थमा, हृदय रोग के मरीजों की परेशानी और बढ़ गयी है.
इससे सदर अस्पताल से लेकर प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. सदर अस्पताल में 30 से 40 फीसदी तक मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. शनिवार की रात अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा ठंड रही. रात में कुहरे के कारण गाड़ियां रेंगती हुई दिखीं. चालकों को वाहन चलाने में काफी परेशानी हुई.
गर्म कपड़ों की बढ़ी मांग: ठंड ने गर्म कपड़ों की मांग बढ़ा दी है. दुकानों पर भीड़ दिखने लगी है. रविवार होने के बाद भी दुकानों में खरीदारी के लिए लोग पहुंचे. सबसे ज्यादा लोग मॉडल स्वेटर की खरीदारी कर रहे हैं. शहर के थाना रोड, जेपी चौक, कचहरी रोड, बड़हरिया रोड, सब्जी मंडी सहित अन्य स्थानों पर दुकानें सजने लगी हैं.
ठंड से इन बीमारियों का रहता है खतरा
छोटे बच्चों में ज्यादातर निमोनिया होने का खतरा बना रहता है. यह बीमारी नवजात से लेकर 10 वर्ष उम्र तक के बच्चों को परेशान करती है. इसके अलावा दमा व ब्लडप्रेशर के मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है.
उनमें हफनी की शिकायत हो जाती है. ऐसी हालत में रोग से पीड़ित मरीज को तुरंत डॉक्टर के पास पहुंचाना चाहिए और उनके द्वारा बतायी गयी दवा का नियमित ढंग से सेवन करना चाहिए. डॉक्टर अशोक कुमार ने बताया कि ठंड के इस मौसम में हर व्यक्ति को पूरी तरह से सावधानी बरतनी चाहिए. थोड़ी-सी लापरवाही भी उन्हें बीमार बना सकती है. ठंड से बचने के लिए सुबह शाम गरम पानी का सेवन करने के साथ-साथ खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए. गरम भोजन खाना चाहिए. ठंडे पेय पदार्थ से बचना चाहिए. नवजात बच्चों की मां अपने शरीर से चिपका कर रखें और उसका शरीर पूरी तरह साफ और गर्म कपड़ों से लपेट कर रखें. पेट-सीना में दर्द और कै-दस्त की शिकायत होने पर अविलंब डाॅक्टर से मिले.
कुहरे से यातायात प्रभावित
कोहरे का सीधा असर यातायात पर दिख रहा है. वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा है. रविवार को शाम होते होते कुहरे से पूरा इलाका ढक गया था. ऐसे में सबसे अधिक परेशानी वाहन चालकों को हो रही है. सड़क दुर्घटना से बचने के लिए लोग लाइट जलाकर चल रहे हैं. वाहनों की रफ्तार कम रखने के साथ ही सामने से आ रहे वाहन सवारों को आगाह करने के लिए हाॅर्न का भी इस्तेमाल कर रहे हैं.
क्या हैं बीमारी के लक्षण
सर्दी, खांसी, बुखार होना, कोल्ड फीवर से परेशानी बढ़ना, छाती, सिर व पेट में दर्द होना, कई बार कै-दस्त होना, दमा के मरीजों में हफनी बढ़ना.
ठंड से बचाव के उपाय
पानी उबाल कर पीये, सूती व ऊनी वस्त्र पहनें, अलाव का उपयोग करें, घर से निकलने के पूर्व बदन को गर्म कपड़ों से ढक लें, धूप में भी बच्चों को गरम कपड़ों में लपेट कर रखें.
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