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गवाही दे लौट रही महिला की हत्या में हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

संज्ञानकार्रवाई. जस्टिस ने 15 दिनों के अंदर एसपी से मांगी रिपोर्ट एसपी से किया जवाब-तलब जस्टिस ने दोषी पर कार्रवाई करने का भी दिया है निर्देश सीवान : 11 माह पूर्व मृत महिला के द्वारा किये गये परिवाद पत्र पर दर्ज प्राथमिकी व अनुसंधानकर्ता द्वारा आरोप पत्र दाखिल किये जाने के मामले को उच्च न्यायालय […]

संज्ञानकार्रवाई. जस्टिस ने 15 दिनों के अंदर एसपी से मांगी रिपोर्ट

एसपी से किया जवाब-तलब
जस्टिस ने दोषी पर कार्रवाई करने का भी दिया है निर्देश
सीवान : 11 माह पूर्व मृत महिला के द्वारा किये गये परिवाद पत्र पर दर्ज प्राथमिकी व अनुसंधानकर्ता द्वारा आरोप पत्र दाखिल किये जाने के मामले को उच्च न्यायालय पटना ने गंभीरता से लिया है. उच्च न्यायालय के जस्टिस आदित्य कुमार त्रिवेदी ने निचली अदालत के माध्यम से एसपी से मुफस्सिल थाने में दर्ज दो मामलों के संबंध में 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट तलब की है.
साथ ही निचली अदालत को निर्देशित किया है कि इस मामले में निर्णय लेकर दोषी पर कार्रवाई की जाये बताते चलें कि मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कर्णपुरा बांसोपाली निवासी स्व चंद्रदेव पंडित की पत्नी सरला की हत्या बीते 10 जनवरी, 2017 को न्यायालय से घर लौटते समय अपराधियों द्वारा कर दी गयी गयी थी. वह जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराने के लिए न्यायालय में आयी थी.
इस मामले में मृतका की बेटी गायत्री देवी ने पट्टीदार प्रदीप कुमार, ओमप्रकाश प्रसाद, सरिता देवी, ललिता देवी, चंपा देवी, बेदामी देवी को आरोपित करते हुए मां की हत्या करने का आरोप लगाया था. इस घटना के सात दिन बाद मृत महिला सरला देवी के अधिवक्ता ने सीजेएम कोर्ट उसका परिवाद पत्र दाखिल करवाया. तीन माह बाद यानी आठ मार्च को परिवादनी मृतका की हाजिरी देकर अधिवक्ता रामाशंकर सिंह ने कोर्ट से अभियुक्तों के
विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की
गुहार लगायी.
कोर्ट ने उसकी गुहार पर अभियुक्तों के विरुद्ध स्थानीय थाने में 156(3) के तहत पुलिस को अनुसंधान कर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया. इस पर पुलिस ने बिना जांच के ही 13 अप्रैल, 2017 को मुफस्सिल थाना कांड संख्या 174/17 के तहत प्राथमिकी दर्ज अनुसंधान प्रारंभ किया.
आश्चर्य यह है कि महिला की हत्या व उसके परिवाद पत्र पर दर्ज प्राथमिकी के अनुसंधानकर्ता पुअनि अशोक कुमार सिंह ही थे.
एसीजेएम 13 को एसपी से 15 के अंदर जवाब मांगने का दिया निर्देश : जालसाजी के मामले में सीजेएम कोर्ट ने सभी आरोपितों पर संज्ञान लेते हुए एसीजेएम 13 जीतेंद्र कुमार के न्यायालय में सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर दिया था, जहां एसीजेएम 13 जीतेंद्र कुमार के यहां सुनवाई चल रही थी.
इसी बीच हाइकोर्ट ने चारों अभियुक्तों को औपबंधिक जमानत देते हुए एसीजेएम 13 को निर्देशित किया कि एसपी से 15 दिनों के अंदर दोनों मामलों (हत्या व जालसाजी) की जांच कर रिपोर्ट दें. हाईकोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि रिपोर्ट के आने के बाद दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाये.
अनुसंधान में जालसाजी व धोखाधड़ी मिली थी सत्य : अनुसंधानकर्ता ने जांच में धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला सत्य पाते हुए आरोप पत्र दाखिल किया. इस मामले में भी प्रदीप कुमार, ओम प्रकाश प्रसाद, ललिता देवी, सरिता देवी को आरोपित किया गया है. ये सभी उसकी हत्या में भी आरोपित थे. पुलिस ने प्रदीप कुमार, ओम प्रकाश प्रसाद, ललिता देवी व सरिता देवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
इन अभियुक्तों पर हत्या व जालसाजी का मामला चलाया गया.
बोले एसपी
इस मामले की जांच कर सभी तथ्यों से माननीय न्यायालय को अवगत करा दिया जायेगा. दोनों कांडों की पूरी रिपोर्ट मैंने तलब की है. इस मामले में जांच के दौरान जो दोषी होगा, उसको दंडित किया जायेगा.
सौरभ कुमार शाह, एसपी, सीवान
हाईकोर्ट में जमानत का आवेदन देने पर हुआ मामले का खुलासा : हत्या व जालसाजी मामले में मंडल कारा में बंद मृतका सरला के पट्टीदारों ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी. उनकी अर्जी पर हाईकोर्ट के जस्टिस एके त्रिवेदी ने चारों आरोपितों को औपबंधिक जमानत देते हुए एसपी को इस मामले में शीघ्र जांच कर निचली अदालत में रिपोर्ट देने को कहा है.

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