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घर से घाट तक िबखरे छठ के रंग, खरना आज

आस्था. नदी तटों पर स्नान करनेवाले व्रतियों की भीड़ उमड़ी, कद्दू व अरवा चावल का भोजन किया शहरी क्षेत्रों में अंतिम चरणों में चल रहा घाटों का सफाई कार्य सीवान : नहाय-खाय के साथ मंगलवार को लोक आस्था का महापर्व छठ शुरू हो गया. इसे लेकर सुबह से ही शहर से लेकर प्रखंडों के विभिन्न […]

आस्था. नदी तटों पर स्नान करनेवाले व्रतियों की भीड़ उमड़ी, कद्दू व अरवा चावल का भोजन किया

शहरी क्षेत्रों में अंतिम चरणों में चल रहा घाटों का सफाई कार्य
सीवान : नहाय-खाय के साथ मंगलवार को लोक आस्था का महापर्व छठ शुरू हो गया. इसे लेकर सुबह से ही शहर से लेकर प्रखंडों के विभिन्न नदी तटों पर स्नान करनेवाले व्रतियों की भीड़ उमड़ी. प्रात: से ही स्नान करने के लिए शहर व जिले के अलावा आसपास के जिले के श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था. सभी व्रतियों ने कद्दू-भात को सात्विक ढंग से तैयार कर ग्रहण किया और पास पड़ोस के लोगों को भी प्रसाद के रूप में वितरित किया. छठ पर्व को लेकर जगह-जगह घाटों की सफाई की जा रही है.
प्रशासनिक अधिकारी सहित जनप्रतिनिधियों द्वारा सफाई का जायजा भी लिया जा रहा है. गांधी मैदान की संगीता देवी बताती हैं कि नहाय-खाय के दिन स्नान करने के बाद कद्दू और अरवा चावल का भोजन तैयार किया जाता है. छठ मैया को भोग लगा कर पूरे परिवार के साथ ग्रहण किया जाता है. वहीं, गोरेयाकोठी प्रखंड के हरिहरपुर कला गांव निवासी सुनीता देवी ने बताया कि महापर्व छठ के नहाय-खाय के दिन कद्दू और चावल तैयार किया जाता है. लोगों के बीच प्रसाद का वितरण भी होता है.
इस दौरान कई लोग छठ को लेकर कद्दू और चावल ग्रहण कर ही अपने ड्यूटी व कार्यालय निकले. प्रसाद की तैयारी के लिए गेहूं धोकर धूप में सुखाया गया और खुद ही कूटा-पीसा भी गया. कुछ लोग मशीन में भी गेंहू पीसने के लिए भेजा. बुधवार को खरना को लेकर व्रती उपवास रखेगी. शाम को खीर-पूड़ी व फल का भोग लगायेगी.
इसके बाद व्रती भोजन करेगी और प्रसाद का वितरण करेगी. गुरुवार को भगवान सूर्य को सायंकालीन अर्घ अर्पित किया जायेगा. इस दिन व्रती दिनभर उपवास रखेंगे और शाम को पानी में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ देंगे. शुक्रवार को उजाला होने से पहले ही व्रती व श्रद्धालु नदी तट, पोखर-तालाब के पास पहुंच जायेंगे और उदीयमान सूर्य को अर्घ देंगे. इसके बाद छठ पर्व का समापन हो जायेगा.
छठ के गीतों से भक्तिमय हुआ शहर
कांच ही बांस के बहंगिया… जैसे छठ गीतों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है. जिले की सड़कों और बाजारों की रौनक बढ़ गयी है. व्रती बाजारों में फलों एवं छठ पर्व में प्रयुक्त होनेवाले सामान की खरीदारी करते दिख रहे हैं. व्रत में शुद्धता का विशेष महत्व होता है. जो भी चीज खरीदी जाती है, व्रती उसे नंगे पांव खरीदते हैं. चारों तरफ फल, दउरा व कलसूप की दुकानें सज गयी हैं. पीतल के बने बर्तन की दुकानों पर भी लोगों की भीड़ दिख रही है. टोकरी, सूप, नारियल, ईख समेत फलों की खरीदारी भी लोग कर रहे हैं. दुकानों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है.
घाटों पर पटाखा छोड़ने पर रहेगा प्रतिबंध
छठ घाटों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये हैं. किसी भी आपातकालीन स्थिति से निबटने के लिए सभी तरह के संसाधन मौजूद रखने का जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है. जिलाधिकारी महेंद्र कुमार ने एक दिन पूर्व सभी छठ घाटों का निरीक्षण कर सुरक्षा का जायजा लिया था. इस दौरान जहां भी व्रतियों को आने-जाने में परेशानी की बात सामने आयी, वहां तुरंत उसे ठीक करने का आदेश दिया. छठ घाटों पर पूर्ण रूप से पटाखा छोड़ने पर प्रतिबंध रहेगा. इसे लेकर एसडीओ को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है. वहीं, सुरक्षा को लेकर हर बिंदु पर अमल किया जा रहा है.
सामान दाम
सूप 30 से 40 रुपये पीस
दउरा 80 से 400 रुपये पीस
नारियल 60 से 70 रुपये जोड़ा
अदरक 80 रुपये किलो
हल्दी 60 रुपये किलो
सुथनी 80 रुपये किलो
अरूई 80 रुपये किलो
आरता पता 5 रुपये पीस
गन्ना 15 से 20 रुपये पीस
नींबू 10 रुपये पीस
अन्नास 25 रुपये पीस
साठी चिउरा 80 रुपये किलो
सेब 80 से 100 रुपये किलो
संतरा 80 से 100 रुपये किलो
मीठा 50 से 60 रुपये किलो
केला 25 से 30 रुपये दर्जन

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