सीवान : एसीजेएम छह डीएन भारद्वाज ने 18 वर्ष पुराने मामले का निष्पादन करने में असहयोग करने पर मुफस्सिल थानाध्यक्ष विनय प्रताप सिंह पर शोकॉज किया है. इसकी एक प्रतिलिपि एसपी सौरभ कुमार शाह तथा डीआइजी को भी प्रेषित कर दी है. साथ ही 10 दिनों के अंदर शो-कॉज का जवाब देने का निर्देश दिया है. बताते चले कि 12 नवंबर, 1999 को मुफस्सिल थाने के चनौर गांव की निवासी खैरू निशा ने अपने गांव के ही साहेब हुसैन व सैयद अली के खिलाफ खोप में आग लगाने तथा जान मारने की धमकी देने का मामला परिवाद पत्र सीजेएम कोर्ट में दायर किया था. यह मामला सुनवाई के लिए एसीजेएम छह के न्यायालय में चल रहा है.
मामला न्यायालय में 10 अक्तूबर, 2015 को अंतिम बहस के लिए चल रहा था, लेकिन दोनों आरोपितों ने न्यायालय में पैरवी छोड़ दी. यह देख न्यायालय ने दोनों का बंधपत्र रद्द करते हुए गैरजमानतीय वारंट जारी कर दिया. इसके बाद 10 जनवरी, 2016 को कोर्ट ने 82 का इश्तेहार जारी कर दिया. इसके बावजूद पुलिस द्वारा दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया. पुन: न्यायालय ने 20 मई, 2017 को एसपी के माध्यम से मुफस्सिल थाने में रिमाइंडर भेजा. बावजूद मुफस्सिल थानाध्यक्ष विनय प्रताप सिंह ने मुकदमे का निष्पादन करने में सहयोग नहीं किया. उच्च न्यायालय का 27 अक्तूबर, 2016 को सभी न्यायालयों में निर्देश प्राप्त है कि 10 वर्ष पुराने मुकदमे का त्वरित निष्पादन करना है. यह देख एसीजेएम छह डीएन भारद्वाज ने मुफस्सिल थानाध्यक्ष के असहयोग करने पर थानाध्यक्ष पर शोकॉज का आदेश जारी करते हुए 10 दिनों के अंदर जवाब मांगा है. उन्होंने शो-कॉज की कॉपी एसपी व डीआइजी को प्रेषित की है.