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दो डॉक्टरों के भरोसे आपीडी सेवा

चिंताजनक. स्वास्थ्य सेवाएं नदारद हैं सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर सीवान : सीवान सदर प्रखंड में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तो है. लेकिन यहां पर स्वास्थ्य सेवा नदारद होने के कारण लोगों को काफी परेशानी होती है. प्रखंड की आबादी करीब दो लाख छह हजार 111 है. प्रखंड के लोगों को किसी प्रकार की स्वास्थ्य सेवा […]

चिंताजनक. स्वास्थ्य सेवाएं नदारद हैं सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर

सीवान : सीवान सदर प्रखंड में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तो है. लेकिन यहां पर स्वास्थ्य सेवा नदारद होने के कारण लोगों को काफी परेशानी होती है. प्रखंड की आबादी करीब दो लाख छह हजार 111 है. प्रखंड के लोगों को किसी प्रकार की स्वास्थ्य सेवा के लिए सदर अस्पताल पर निर्भर रहना पड़ता है. ऐसी बात नहीं है कि यहां पर डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं हुई है. प्रभारी मेडिकल ऑफिसर सहित तीन एमबीबीएस तथा एक नियमित आयुष डॉक्टर नियुक्त हैं,
लेकिन एक एमबीबीएस व एक आयुष डॉक्टर को सिविल सर्जन ने सदर अस्पताल में स्थायी रूप से प्रतिनियुक्त कर दिया है. इस कारण बड़ी मुश्किल से सदर पीएचसी ओपीडी को चलाया जाता है. यहां पर कोई महिला डॉक्टर की स्थायी रूप से नियुक्त नहीं होने के कारण भरथुई अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की आयुष डाक्टर आरती कुमारी की सप्ताह में तीन दिन ओपीडी में सेवा ली जाती है. अमलोरी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के आयुष चिकित्सक डाॅ मो. हाफिज से सप्ताह में एक दिन ओपीडी में सेवा ली जाती है.
सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की करीब आधा दर्जन एएनएम को सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्त कर दिये जाने से पीएचसी में स्वास्थ्य सेवा बाधित रहती है.
दो डॉक्टर स्थायी रूप से प्रतिनियुक्त हैं सदर अस्पताल में
भगवान भरोसे चलते हैं कुष्ठ उन्मूलन परिवार नियोजन जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रम
सदर पीएचसी में कुष्ठ उन्मूलन, परिवार नियोजन, कालाजार उन्मूलन व टीबी उन्मूलन जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रम भगवान भरोसे ही चलते हैं. पीएचसी में स्वास्थ्य सेवा लेने आने-वाले लोगों को स्वास्थ्यकर्मी बस दो टूक जवाब देते हैं कि सदर पीएचसी में सिर्फ कागजी काम होते हैं. तत्कालीन डीएम के आदेश से हम लोग मजबूरी में ओपीडी सेवा मरीजों को उपलब्ध कराते हैं. सदर पीएचसी में टीबी के मरीजों के स्प्यूटम जांच के लिए सभी प्रकार की सुविधा विभाग ने उपलब्ध करायी है. लेकिन जिला यक्ष्मा केंद्र में ही अक्सर मरीज उपचार कराने जाते हैं. उसी प्रकार परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत महिलाओं को बंध्याकरण कराने के लिए सदर अस्पताल में ही जाना पड़ता है.
प्रसूताओं को नहीं मिलती किसी प्रकार की सेवा
प्रसूताओं को अस्पताल प्रसव कराने के लिए पीएचसी में नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं है. परिजनों को अपनी सवारी या सदर अस्पताल के 102 एंबुलेंस पर फोन करना पड़ता है. सदर अस्पताल के एंबुलेंस पर अधिक लोड होने के कारण कभी खाली नहीं मिलता है. सदर पीएचसी को विभाग द्वारा एंबुलेंस उपलब्ध कराया गया था. वह एंबुलेंस कहां गया, यह तो विभाग के अधिकारी ही बतायेंगे. वैसे सदर पीएचसी में प्रसव व बंध्याकरण की भी सुविधा नहीं है. प्रसूताओं को दोनों के लिए सदर अस्पताल जाना पड़ता है. इससे काफी परेशानी होती है़
डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति से होती है परेशानी
सदर पीएचसी के दो डॉक्टरों को सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्ति कर दिये जाने से मरीजों को इलाज में परेशानी होती है.वैसे सूबे के किसी सदर पीएचसी में मरीजों का इलाज नहीं किया जाता है. तत्कालीन डीएम के आदेशानुसार यहां पर ओपीडी सेवा तीन-चार सालों से शुरू है.
डाॅ श्यामल किशोर, प्रभारी मेडिकल ऑफिसर, सदर पीएचसी

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