जिलास्तरीय निगरानी समिति करेगी मामले की जांच
Advertisement
प्रोन्नति व पदस्थान में गड़बड़ी की होगी जांच
जिलास्तरीय निगरानी समिति करेगी मामले की जांच शिक्षा विभाग की समीक्षात्मक बैठक में डीएम ने दिया जांच का आदेश सीतामढ़ी : स्नातक उत्तीर्ण शिक्षकों के प्रोन्नति व पदस्थापन में बरती गई अनियमितता की जांच होगी. जिलास्तरीय निगरानी समिति पूरे मामले की जांच करेगी. डीएम ने निगरानी समिति को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का […]
शिक्षा विभाग की समीक्षात्मक बैठक में डीएम ने दिया जांच का आदेश
सीतामढ़ी : स्नातक उत्तीर्ण शिक्षकों के प्रोन्नति व पदस्थापन में बरती गई अनियमितता की जांच होगी. जिलास्तरीय निगरानी समिति पूरे मामले की जांच करेगी. डीएम ने निगरानी समिति को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है. डीएम जीव रौशन ने यह आदेश सोमवार को समाहरणालय के विमर्श कक्ष में आयोजित शिक्षा विभाग की समीक्षात्मक बैठक में दिया. बताया गया है कि 12 नवंबर को चेतना यात्रा के तहत सीतामढ़ी पहुंचे सीएम ने समाहरणालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर विकास योजनाओं की समीक्षा की थी. बैठक में मौजूद कई विधायकों ने शिक्षकों के प्रोन्नति व पदस्थापन में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाया था. जबकि इस मामले में सरकार डीएम ने शिक्षा विभाग को रिपोर्ट भेजी थी.
इसी रिपोर्ट के आधार पर डीईओ महेश्वर साफी को विभाग ने वापस बुला लिया था. इधर, विभागीय सचिव ने डीएम को पत्र भेज कर इस मामले की बिंदुवार जांच निगरानी समिति से मामले की जांच कराने का आदेश दिया था.
नहीं मिल रहा हिसाब-किताब : अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति के तहत अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए उपलब्ध कराए गए लगभग 4 करोड़ रुपये का हिसाब किताब नहीं मिल रहा है. शिक्षा विभाग ने अब तक उक्त राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं सौंपा गया है. जबकि इस बाबत अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने दर्जनों स्मार पत्र भेज कर शिक्षा विभाग को उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का आदेश दिया था. बावजूद इसके विभाग ने हिसाब किताब नहीं दिया. बैठक में डीएम ने इस पूरे मामले पर नाराजगी जताते हुए अविलंब उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने का आदेश दिया है.
780 स्कूल भवन अधूरे, डीएम नाराज: सर्व शिक्षा अभियान के तहत जिले में अब तक कुल 780 स्कूल भवन अधूरे है, जबकि स्कूल भवन निर्माण में बरती गई अनियमितता के मामले में आठ शिक्षकों को जेल जाना पड़ा है. कई शिक्षकों के खिलाफ थानों में प्राथमिकी भी दर्ज है. स्कूल भवन अपूर्ण रहने को लेकर डीएम ने जहां नाराजगी जताई, वहीं एक माह के भीतर भवन निर्माण कार्य पूरा करने अन्यथा कार्रवाई की चेतावनी दी है. डीएम ने जेल जाने वाले शिक्षकों के निलंबन से संबंधित रिपोर्ट भी डीईओ को जमा करने का आदेश दिया है.
छात्रवृत्ति वितरण की भी होगी जांच, पांच साल का होगा हिसाब : जिले के सरकारी स्कूलों में छात्रवृत्ति वितरण योजना की जांच होगी. इसके तहत पांच साल का हिसाब लिया जाएगा. पिछले साल साल में बच्चों के बीच बांटी गई राशि की जांच के लिए जिला स्तर पर जांच टीम का गठन किया जाएगा. जिसमें शिक्षा विभाग के अधिकारी को नहीं शामिल किया जाएगा. जबकि परिहार प्रखंड में हुए छात्रवृत्ति घोटाले की जांच डीईओ करेंगे. जांच में दोषी पाए गए डीपीओ, बीईओ व प्रधान शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बताते चले की वर्ष 2015-2016 में परिहार प्रखंड के 183 स्कूलों के लिए उपलब्ध कराई गई राशि बच्चों को बांटे बगैर डकार ली गई. छात्रवृत्ति घोटाले के इस मामले में 23 प्रधान शिक्षकों के खिलाफ थाने में गबन की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. शेष स्कूलों में जांच लंबित है. बैठक में डीएम ने मिड डे मिल व आधार कार्ड की समीक्षा की.
मौके पर थे मौजूद : मौके पर डीडीसी ए रहमान, डीईओ सुरेश प्रसाद, डीपीओ प्रेमचंद्र, उमेश प्रसाद सिंह व जय शंकर प्रसाद समेत कई अधिकारी मौजूद थे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement