सुप्पी : सरकार द्वारा 1000-500 की नोट को बंद कर दिये जाने के 11 वें दिन प्रखंड क्षेत्र के सभी बैंक बंद रहे. एटीएम पर लंबी कतारें देखी गयीं, पर सबसे अधिक परेशान वे गरीब तबके के लोग दिखे, जिनका अब तक बैंक में खाता नहीं खुल सका है. किसी के बाद दो हजार तो […]
सुप्पी : सरकार द्वारा 1000-500 की नोट को बंद कर दिये जाने के 11 वें दिन प्रखंड क्षेत्र के सभी बैंक बंद रहे. एटीएम पर लंबी कतारें देखी गयीं, पर सबसे अधिक परेशान वे गरीब तबके के लोग दिखे, जिनका अब तक बैंक में खाता नहीं खुल सका है. किसी के बाद दो हजार तो किसी के पास एम हजार के पुराने नोट हैं. उनका कहना है कि बैंकों द्वारा पुराने नोट को बदलने का काम नहीं किया जा रहा है
उनका कहना है कि उनके बैंक के जो खाताधारी हैं, उन्हीं से उनका फुरसत नहीं है. ऐसे में वे दूसरे का नोट नहीं बलेंगे. इस संबंध में किसान हेमंत मिश्र, दीनानाथ पाठक व रघुवीर सिंह अन्य ने बताया कि बैंकों द्वारा मनमानी की जाती है. सरकार के आदेश के बावजूद पुराने नोट नहीं बदले जा रहे हैं. अगर पुराने नोट नहीं बदले गये तो अंतत: वे लोग मजबूर होकर आंदोलन करेंगे.
बताया कि बैंक द्वारा पुराने नोट नहीं लिये जाने पर बिचौलियों की चांदी कर रही है. गरीब लोग, जिसके खाता बैंक में नहीं है औने-पौने मूल्य पर अपने नोट उन बिचौलियों के हाथों बेच रहे हैं. इसका मुख्य कारण यह भी है कि पैसे के अभाव में लोग मजदूरी भी नहीं करा रहे हैं. ऐसी स्थिति में ऐसे लोगों के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो रही है. दुकानदार उधार नहीं दे रहे हैं. इस बाबत उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक,ढेंग शाखा के प्रबंधक रामरोहन पांडेय व सेंट्रल बैंक के मोहिनीमंडल शाखा प्रबंधक ने मोबाइल पर बताया कि उनके शाखा में कर्मी की कमी है और खाताधारी अधिक है. इसके चलते परेशानी बढ़ी हुई है.