सीतामढ़ी : दिवाली के अगले दिन यानी सोमवार को पूरे भक्ति-भाव के साथ गोवर्धन पूजा की गयी. इस दौरान महिलाओं द्वारा विभिन्न गोशालाओं व गो-थर में जाकर गायों की पूजन की गयी व गायों को मिठा भोजन कराया गया.
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भक्तिभाव के साथ की गयी गोवर्धन पूजा
सीतामढ़ी : दिवाली के अगले दिन यानी सोमवार को पूरे भक्ति-भाव के साथ गोवर्धन पूजा की गयी. इस दौरान महिलाओं द्वारा विभिन्न गोशालाओं व गो-थर में जाकर गायों की पूजन की गयी व गायों को मिठा भोजन कराया गया. ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ कालीकांत झा के अनुसार कार्तिक एकादशी शुक्ल प्रतिपदा को भगवान श्री कृष्ण द्वारा […]
ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ कालीकांत झा के अनुसार कार्तिक एकादशी शुक्ल प्रतिपदा को भगवान श्री कृष्ण द्वारा वृंदावन में गो-चारण के क्रम में गोप-गोपियों द्वारा इंद्र की पूजन करने का विरोध कर गोवर्धन पर्वत की पूजा करवाया गया था. इससे इंद्र कूपित होकर गोप-गोपियों व गायों पर प्रलयकारी दृष्टी प्रारंभ कर दिये. तब भगवान श्री कृष्ण अपनी कनिष्ठा अंगुली के सहारे गोवर्धन पर्वत को उठाकर सारे गोप-गोपियों व गायों की रक्षा की थी. तभी से गो-क्रीड़ा व 56 प्रकार का भोग बनाकर गोवर्धन पूजा कर भगवान कृष्ण को समर्पित करना अति कल्याणकारी, मोक्षदायी व अनिष्टनाशक माना जाता है. पंडित डॉ झा ने बताया कि गोवर्धन पूजा का मुहूर्त सोमवार की सुबह से लेकर रात्री 12:01 बजे तक था.
अन्नकुट महोत्सव का आयोजन
स्थानीय श्री सिया-पिया कोलि कुंज में अन्नकुट महोत्सव का आयोजन किया गया. मौके पर छप्पन व्यंजन का भोग लगाया गया. मिथिला के भाव से सिया जू को बहन व रामजी को पाहुन मानने वाले भक्तों की भीड़ जुटी थी. कुंज के महंत अजय दास ने कहा कि यह हमारी उपासना है तथा यह हमारे अतीत को दर्शाता है कि हमारी संस्कृति में मिथिला की क्या परंपरा रही है. नवीन कुमार ने पाहुन अहांक जेवनार यो लखि कुछ नै फुराइय व छयलवा को दिहौ चुनि-चुनि गारी जैसे गीतों
से मौजूद श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. भंडारा के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ. मौके पर रामचंद्र शरण, श्रीनिवास मिश्रा, मदन दास, संजय पटेल, अजित ठाकुर, बिटू कुमार, लड्डू, सौरभ, मिट्ठू कुमार, बच्ची बहन, रेणू कुमारी, इंदू देवी, गुड़िया कुमारी, मणि कुमारी, निशा कुमारी, मंजू लता व पुष्पा सिंह समेत अन्य मौजूद थे.
भाईदूज व चित्रगुप्त पूजा आज
पंडित डॉ झा ने बताया कि मंगलवार को द्वितीया तिथि के मौके पर यमराज के सलाहकार व मनुष्य के दैनिक गतिविधियों का अभिलेख करने वाले चित्रगुप्त की पूजा होगी.
आज ही के दिन यमराज अपनी बहन जमुना के यहां गये थे. उनकी बहन ने उन्हें अतिथि के रूप में पूजकर अपने हाथों से स्वादिष्ट भोजन कराया था. मान्यता है कि कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि के दिन जिस भी मनुष्य की मृत्यु हो जाती है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. आज के दिन बहन के हाथों बना भोजन करना अति कल्याणकारी माना जाता है.
मान्यता है कि कार्तिक शुक्ल पक्ष के द्वितीया तिथि को जो भी बहन अपने भाई का अतिथि के रूप में पूजन कर अपने हाथ का पकाया स्वादिष्ट भोजन कराती है, वह नैधव्य (विधवा) को प्राप्त नहीं करती है और उसका सारा दोष नष्ट हो जाता है.
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