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एजीएम समेत तीन पर एफआइआर दर्ज

खुलासा. सोनबरसा में 1015 क्विंटल खाद्यान्न का घोटाला पटना से आयी टीम ने की जांच चार दिन बाद भंडार पंजी में उक्त मात्रा का उल्लेख सीतामढ़ी/सोनबरसा : रून्नीसैदपुर प्रखंड के बाद अब सोनबरसा प्रखंड में सरकारी खाद्यान्न के घोटाले का मामला सामने आया है. यहां भी विभागीय कर्मियों ने हीं घोटाला किया है. वह भी […]

खुलासा. सोनबरसा में 1015 क्विंटल खाद्यान्न का घोटाला

पटना से आयी टीम ने की जांच
चार दिन बाद भंडार पंजी में उक्त मात्रा का उल्लेख
सीतामढ़ी/सोनबरसा : रून्नीसैदपुर प्रखंड के बाद अब सोनबरसा प्रखंड में सरकारी खाद्यान्न के घोटाले का मामला सामने आया है. यहां भी विभागीय कर्मियों ने हीं घोटाला किया है. वह भी कुल 1015 क्विंटल का.
पटना से आयी विभागीय टीम ने जांच के बाद घोटाले का खुलासा करने के साथ हीं दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी की अनुशंसा की थी, जिसके आलोक में एसएफसी के जिला प्रबंधक बलाउद्दीन ने सोनबरसा के स्वास्थ्य प्रशिक्षक सह एजीएम महेश झा, एसएफसी के आइटी मैनेजर गौरव कुमार व सहायक लेखा पदाधिकारी गजेंद्र प्रसाद सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है.
चार दिन बाद प्रविष्टि : पुलिस को बताया गया है कि चार अक्तूबर को एजीएम श्री झा द्वारा ट्रक चलान पर 1038.42 क्विंटल चावल प्राप्ति दर्ज कर हस्ताक्षर किया गया, लेकिन भंडार पंजी में खाद्यान्न की उक्त मात्रा का उल्लेख आठ अक्तूबर को किया गया जो खाद्यान्न में हेराफेरी प्रतीत होता है. पुलिस ने धारा 420 समेत अन्य के तहत प्राथमिकी कांड संख्या 205/16 दर्ज की है. जांच की जिम्मेवारी अवर निरीक्षक संजीव कुमार को सौंपी गयी है.
इनके नाम पर एसआइओ निर्गत
जिन 11 डीलरों के नाम से एसआइओ निर्गत करने की बात कही गयी है, उनमें क्रमश: सीताराम मांझी, बिल्टू पासवान, चौथी साह, फेकू पासवान, चंद्रदेव पासवान, शंकर राय, शिवशंकर कुमार, भिखारी महतो, चंद्रदेव पासवान, शिव शंकर कुमार व प्रमोद राम शामिल हैं.
क्या है पूरा मामला
जांच दल ने पाया कि 11 डीलरों के नाम पर 1015 क्विंटल खाद्यान्न की हेराफेरी की गयी है. प्राथमिकी के अनुसार, वर्ष 2015 में (अक्तूबर से दिसंबर तक) सोनबरसा प्रखंड के 11 डीलरों के नाम से आइटी मैनेजर गौरव कुमार द्वारा एसआइओ तैयार किया गया, जिस पर गौरव व सहायक लेखा पदाधिकारी गजेंद्र प्रसाद सिंह का हस्ताक्षर है.
उक्त एसआइओ पर एजीएम महेश झा द्वारा खाद्यान्न निर्गत किया गया था. खाद्यान्न की प्राप्ति वाले कागजात पर डीलरों द्वारा हस्ताक्षर भी किया गया. हालांकि एजीएम श्री झा द्वारा एसआइओ की प्रविष्टि बिक्री पंजी में दर्ज नहीं की गयी. श्री बलाउद्दीन ने माना है कि खाद्यान्न की हेराफेरी करने के लिए श्री झा द्वारा ऐसा किया गया.

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