8387 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच बाकी
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1100 की जांच में 43 शिक्षक मिले अवैध
8387 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच बाकी 9487 के प्रमाण पत्रों की होनी है जांच डुमरा : हाइकोर्ट के आदेश पर निगरानी विभाग के स्तर से नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है. जांच की गति काफी धीमी है. इसके कई कारण हैं, जिसमें मुख्य कारण प्रखंड व पंचायत शिक्षक […]
9487 के प्रमाण पत्रों की होनी है जांच
डुमरा : हाइकोर्ट के आदेश पर निगरानी विभाग के स्तर से नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है. जांच की गति काफी धीमी है. इसके कई कारण हैं, जिसमें मुख्य कारण प्रखंड व पंचायत शिक्षक नियोजन इकाइयों द्वारा निगरानी को अपेक्षित सहयोग नहीं किया जाना. यही स्थिति बनी रही तो प्रमाण पत्रों की जांच में वर्षों लग जायेंगे. निगरानी कार्यालय से अब तक कि जांच की जो रिपोर्ट मिली है, वह कम चौंकाने वाला नहीं है. यानी 9487 में से मात्र 1100 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच पूरी हो सकी है.
नियोजन इकाइयां लापरवाह
हाइकोर्ट के कड़े रूख व निगरानी इंस्पेक्टर की सख्ती के बावजूद अधिकांश प्रखंड व पंचायत शिक्षक नियोजन इकाइयों द्वारा शिक्षकों का प्रमाण पत्र जांच के लिए उपलब्ध नहीं कराया गया है.
इस मामले में अब तक कई पंचायत सचिवों के खिलाफ विभिन्न थानों में प्राथमिकी भी दर्ज करायी जा चुकी है. बावजूद वैसे पंचायत सचिवों की कमी नहीं, जो शिक्षकों का फोल्डर उपलब्ध नहीं करा सके हैं. गत माह निगरानी इंस्पेक्टर ने संबंधित प्रखंड व पंचायत नियोजन इकाइयों के सचिवों की सूची डीएम को उपलब्ध कराया था. डीएम के स्तर से सख्त आदेश दिये जाने के बावजूद सचिवों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है.
अबतक 43 शिक्षकों पर प्राथमिकी
निगरानी कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार 9487 में से 1100 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच की जा चुकी है. इनमें 43 शिक्षकों का प्रमाण पत्र अवैध/फर्जी पाया गया है. ऐसे शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है. सबसे अधिक बैरगनिया में 29 शिक्षक फर्जी निकले हैं.
वहीं परिहार में 10, रून्नीसैदपुर में दो एवं सोनबरसा व चोरौत में एक-एक शिक्षकों को प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है. बताया गया है कि निगरानी कोषांग में नोडल अधिकारी,
इंस्पेक्टर व कर्मियों के तबादले के कारण करीब एक माह से जांच का कार्य प्रभावित है.
जांच में आयेगी तेजी : निगरानी जांच के नोडल पदाधिकारी सह डीपीओ स्थापना सुरेश प्रसाद ने बताया कि निगरानी कोषांग में कर्मियों की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है. कर्मी योगदान नहीं कर सके हैं. नये निरीक्षक की पदस्थापना हो गयी है. उनसे संपर्क कर जांच में तेजी लायी जायेगी.
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