सीतामढ़ी : स्थानीय सदर अस्पताल में अब भी बिचौलिये हावी है. वैसे यह कोई नयी बात नहीं है. हमेशा से बिचौलियों का बोल-बाला रहा है. बिचौलियों के चलते ही बहुतों की चिकित्सा की दुकानें चलती है. बिचौलियां वाली परंपरा समाप्त हो जाये तो कई को बोरिया-बिस्तर समेट अपनी दुकानें बंद कर लेनी होगी, लेकिन स्वास्थ्य […]
सीतामढ़ी : स्थानीय सदर अस्पताल में अब भी बिचौलिये हावी है. वैसे यह कोई नयी बात नहीं है. हमेशा से बिचौलियों का बोल-बाला रहा है. बिचौलियों के चलते ही बहुतों की चिकित्सा की दुकानें चलती है. बिचौलियां वाली परंपरा समाप्त हो जाये तो कई को बोरिया-बिस्तर समेट अपनी दुकानें बंद कर लेनी होगी,
लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कथित तौर पर ऐसा नहीं चाहते है. अधिकारियों की मंशा रहती है कि सांप भी मर जाये और लाठी भी बच जाये. यानी बीच-बीच में बिचौलिये पकड़ लिये जाये और संबंधित लोगों की चिकित्सा की दुकानें भी चलती रहे. यहीं कारण है कि बिचौलियों को अस्पताल में दखल देने से रोकने एवं अवैध रूप से चिकित्सा की दुकान चलाने वालों के खिलाफ आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
मरीजों का आर्थिक शोषण : अस्पताल में पूरे दिन भर बिचौलिये मंडराते रहते है. ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को बहला-फुसलाकर बाहर में निजी चिकित्सक यहां लेकर चले जाते है. जहां मरीजों का इलाज कम और आर्थिक शोषण अधिक होता है. यह सब बात किसी से छुपी हुई नहीं है. अस्पताल में कार्यरत महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि मरीजों को तरह-तरह का प्रलोभन देकर बिचौलिये बाहर लेकर चले जाते है. खास कर प्रसव पीड़िता को ले जाया जाता है.
गत गुरुवार की रात एक महिला समेत तीन बिचौलिया प्रसव वार्ड में पहुंचे. एक महिला मरीज को जबरन बाहर ले जाया जा रहा था. महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने बिचौलियों का विरोध किया. इसी बीच, सूचना मिलने पर उपाधीक्षक डॉ पीपी लोहिया ने पुलिस को सूचना दी. नगर थाना के एक सहायक अवर निरीक्षक पहुंचे और पुरुषोत्तम राज नामक एक बिचौलिया को पकड़ लिया, जबकि महिला व एक अन्य बिचौलिया फरार होने में सफल रहे.
कहते हैं उपाधीक्षक : उपाधीक्षक डॉ पीपी लोहिया ने बताया कि अस्पताल में जब भी बिचौलिया के बारे में खबर मिलती है तो तुरंत कार्रवाई की जाती है. डॉ लोहिया ने माना कि सदर अस्पताल से बिचौलियों द्वारा मरीजों द्वारा बहला-फुसलाकर बाहर ले जाया जाता है.