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लोगों को एसएनसीयू का नहीं मिल रहा लाभ

उदासीनता. उद्घाटन के बाद भी नवजात को नहीं मिल रहा फायदा, नहीं हो रहा नियमों का पालन प्रसव हुआ 2500, एसएनसीयू में भरती हुए 225 नवजात सीतामढ़ी : निजी एसएनसीयू संचालकों के महंगे फी को चुकाने में असमर्थ गरीब परिवारों के सैकड़ों नवजात बच्चों की मौत हो जाती है. इसी को रोकने के लिए सरकार […]

उदासीनता. उद्घाटन के बाद भी नवजात को नहीं मिल रहा फायदा, नहीं हो रहा नियमों का पालन

प्रसव हुआ 2500, एसएनसीयू में भरती हुए 225 नवजात
सीतामढ़ी : निजी एसएनसीयू संचालकों के महंगे फी को चुकाने में असमर्थ गरीब परिवारों के सैकड़ों नवजात बच्चों की मौत हो जाती है. इसी को रोकने के लिए सरकार द्वारा चार माह पूर्व सदर अस्प्ताल में 10 बेड वाला शानदार एसएनसीयू (स्पेशल न्यू केयर यूनिट) की स्थापना की गयी. 20 मई 2016 को डीएम राजीव रौशन ने इसका विधिवत उद्घाटन किया. लेकिन गरीबों को इसका कोई खास फायदा होता दिखाई नहीं देता है. क्योंकि अस्पताल से बिचौलिये का प्रभाव कम नहीं हुआ है. इसका उदाहरण है कि इन चार माह में अस्पताल में करीब ढ़ाई हजार प्रसव हुए हैं, लेकिन एसएनसीयू में मात्र 226 नवजातों को ही भरती कराया गया, जिसमें से 10 की मौत हो गयी. शेष सभी को इसका पूरा फायदा मिला.
10 बेड में एकमात्र नवजात मिला भरती
बेहतर सेवा देने के लिए तीन चिकित्सक के अलावा दर्जन भर कर्मियों की नियुक्ति की गयी. लेकिन ताजा हालात यह है कि एसएनसीयू का वेंटिलेटर खाली ही रहता है. मंगलवार को वार्ड में एकमात्र नवजात बच्चा भरती मिला. वार्ड में एकमात्र जीएनएम मंजू कुमारी मौजूद थीं. उन्होंने बताया कि वार्ड में दो चिकित्सक हैं. निर्धारित समय पर विजिट करते हैं. इमरजेंसी केस आने पर चिकित्सक को बुलाया जाता है. सुरक्षा गार्ड की तैनाती नहीं किये जाने के कारण नियमों का पालन नहीं हो पाता है. वार्ड के अंदर चप्पल व जूते पहन कर प्रवेश नहीं करना है, लेकिन नियम का पालन नहीं हो पाता है, जिससे इंफेक्शन फैलने की आशंका बनी रहती है.
कर्मियों के अभाव में 15 दिन तक सेवा रही ठप
बताया गया कि गत 25 अगस्त से लेकर 9 सितंबर तक एसएनसीयू सेवा ठप रही. चिकित्सक समेत अधिकतर कर्मी छुट्टी पर चले गये थे. इस बीच एक चिकित्सक से इमरजेंसी वार्ड में सेवा ली गयी.
नहीं मिला वेतन
जीएनएम मंजू कुमारी ने बताया कि सेवा दे रहे किसी भी कर्मियों को अब तक वेतन नहीं मिला है. जिसके कारण कर्मियों के समक्ष आर्थिक परेशानी उत्पन्न हो गयी है. इसके लिए डीएस से कई बार शिकायत की जा चुकी है.
डीएस का है कहना
डीएस डॉ पीपी लोहिया ने बताया कि शिकायत काफी हद तक सही है. बिचौलिये का साम्राज्य खत्म नहीं हुआ है, लेकिन कोई शिकायतकर्ता नहीं मिल रहा है. जिसके कारण बिचौलियों पर कार्रवाई संभव नहीं हो पा रही है. जहां तक सुरक्षागार्ड का सवाल है, तो जल्द ही सुरक्षागार्ड की तैनाती कर दी जाएगी.उन्होंने कहा कि अगर इस संबंध में मेरे पास कोई शिकायत आयेगी तो बिचौलियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जायेगी़

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