इद-उल फितर. चांद के दीदार से रोजेदारों के चेहरे खिले, दुकानों में उमड़ी भीड़
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खरीदारी में जुटे लोग, ईद की नमाज आज
इद-उल फितर. चांद के दीदार से रोजेदारों के चेहरे खिले, दुकानों में उमड़ी भीड़ चांद देखने को उत्सुक थे मुसलिम धर्मावलंबी सेवई व खजूर की दुकानों पर लगी भीड़ सीतामढ़ी : पूरे एक माह के इंतजार के बाद बुधवार की शाम चांद का दीदार के लिए मुसलिम समुदाय के लोग एक टके आकाश की ओर […]
चांद देखने को उत्सुक थे मुसलिम धर्मावलंबी
सेवई व खजूर की दुकानों पर लगी भीड़
सीतामढ़ी : पूरे एक माह के इंतजार के बाद बुधवार की शाम चांद का दीदार के लिए मुसलिम समुदाय के लोग एक टके आकाश की ओर देख रहे थे.
बच्चे, जवान व वृद्ध सब के सब छत पर चढ़ कर या तो सड़कों के किनारे खड़े होकर चांद देखने के लिए व्याकुल थे. चांद को लेकर उनमें एक अलग तरह की उत्सुकता देखी जा रही थी. जैसे हीं चांद दिखा सबों के चेहरे खिल गये और गुरुवार को होने वाले ईद की तैयारी में लग गये.
ईदगाह की रंगाई-पुताई पूरी : सुबह में ईदगाह व मसजिद में ईद की नमाज अदा की जाती है. इसे लेकर आपसी सहयोग से ईदगाह व मसजिद की रंगाई-पुताई का काम पूरा कर लिया गया है. ईदगाह के परिसर में जहां कहीं उबड़-खाबड़ सतह था उसे प्लेन कर दिया गया है. वह हर तैयारी कर ली गयी है, जिससे कि नमाज के दौरान किसी तरह की कोई परेशानी न हो. सुबह 8:30 से 9:30 बजे तक नमाज पढ़ा जाता है.
दुकानों पर काफी भीड़: ईद के दिन नये कपड़े पहने जाते हैं. इसके चलते हर लोग कपड़े की खरीदारी करने में लगे हुए हैं. अधिकांश लोग खुद व बच्चों के कपड़े की खरीदारी कर चुके हैं. अब भी खास कर रेडिमेड कपड़े की दुकानों पर खरीदारों की काफी भीड़ देखी जा रही है. वहीं, सेवई व खजूर की दुकानों पर भी भीड़ उमड़ रही है. विशेष कर लोग सेवई की खरीद में जुटे हुए हैं.
जकात, फितरा व खैरात : ईद में जकात, फितरा व खैरात का भी एक अलग महत्व है. जकात यानी सुखी संपन्न लोग गरीबों को आर्थिक मदद करते हैं. खैरात यानी गरीबों को कपड़ा दिया जाता है.
ईद के दिन गरीबों को गरीबी का एहसास नहीं होने दिया जाता है. समाज के लोग संबंधित व्यक्ति को हर तरह से हर संभव मदद करते हैं. फितरा यानी ईद की नमाज के पूर्व तक अगर नवजात जन्म लेता है तो संबंधित लोग अपने परिवार के सभी सदस्यों की ओर से 35 रुपये की दर से फितरा निकालते हैं. उस पैसे को गरीबों व मदरसा में दिया जाता है.
मसजिदों में आज सुबह 8:30 से 9:30 बजे तक ईद की नमाज पढ़ी जायेगी ईद पर सेवई का विशेष महत्व : ईद के दिन सेवई का महत्व कुछ अधिक बढ़ जाता है. राजा हो या रंक, सब के घरों में सेवई जरूर बनता है. किसी के यहां अतिथि पहुंचता है तो उसे सबसे पहले सेवई का ही स्वाद चखाया जाता है. इस कारण से इस पर्व को मीठा पर्व भी कहा जाता है. हर वर्ष सेवई व खजूर के दाम बढ़ते जा रहे हैं. इस बार उक्त दोनों खाद्य सामग्री की कीमत 70 रुपये से 500 रुपये किलो तक है.
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