सीतामढ़ीः पिछले कई दिनों से शीतलहर से त्रस्त जिलावासियों का दर्द शनिवार को आसमान से पानी की बूंद गिरने के बाद बढ़ गया. सुबह से आसमान पर काले बदला मंडरा रहे थे. किंतु हवा के स्थिर रहने के कारण लोग राहत की सांस ले रहे थे. दोपहर में धूप निकलते हीं लोगों के चेहरे खिल उठे. ठंड के कारण घर में बंद बच्चे बैट-बॉल लेकर मैदान की ओर निकल गये. तभी एक बार फिर से आसमान पर काले बादल मंडराने लगे और बूंदा-बांदी शुरू हो गयी. कुछ देर के बाद तेज वर्षा होने लगी. जो तेज होती गयी. वर्षा के कारण ठंड का कहर इतना बढ़ा कि कुछ हीं देर में एक बार फिर लोग अपने घर में दुबक गये.
प्रभात खबर में जब कुछ सार्वजनिक स्थानों का भ्रमण किया तो हर वक्त भीड़ रहने वाला स्थान भी सुनसान पड़ा हुआ था. हमेशा यात्रियों के कारण आकर्षक लगने वाला स्थानीय रेलवे स्टेशन पर इक्के-दुक्के यात्री ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्री ठंड से बचने के लिए गर्म चादर ओढ़ कर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. उसी रेलवे स्टेशन से बाहर एक महिला को देख कर हर किसी की आंखों में सहानुभूति फैल जा रही थी.
स्टेशन परिसर के अंदर जाने से मना करने पर एक नि:सहाय महिला परिसर की दीवार से सट कर ठंड का प्रकोप ङोल रही थी. स्टेशन के बाहर भी सन्नाटा फैला था. आसपास के दुकानदार ठंड से राहत पाने के लिए दुकान से काटरून जला कर राहत पाने का प्रयास कर रहे थे. शहर के विभिन्न सड़कों पर भी इक्के-दुक्के लोग नजर आ रहे थे. एक तरह से अधिकांश सड़कों पर सन्नाटा फैला था.
बारिश से किसान खुश
सीतामढ़ी. बारिश की रिमङिाम फुहार से किसानों में खुशी है. किसानों का मानना है कि यह बारिश गेंहू व रबी फसल के लिए अमृत के समान है. इससे किसानों को सिंचाई का खर्च बचेगा. बारिस होती रही तो डीजल की मांग में भी कमी आयेगी.