सीतामढ़ी/नानपुरः पुपरी के एसडीओ व डीएसपी सामुदायिक भवन में रहते हैं. एक तरह से दोनों पदाधिकारियों का दोनों सामुदायिक भवनों पर कथित तौर पर कब्जा है. यह कब्जा 21 वर्षो से है. जिन लोगों के लिए इन सामुदायिक भवनों का निर्माण कराया गया, वैसे लोगों को इन भवनों का लाभ एक दिन भी नहीं मिला. निर्माण के साथ ही उनमें एसडीओ व डीएसपी रहने लगे.
वर्ष 1992 में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने पुपरी स्थित बुढ़नद चौक पर किराये के मकान में खुले पुपरी अनुमंडल कार्यालय का उद्घाटन किया था. उसी दौरान श्री प्रसाद ने नगर पंचायत,जनकपुर रोड के वार्ड नंबर-8 में बने दोनों सामुदायिक भवनों का भी उद्घाटन किया था. उस दौरान जब पुपरी में एसडीओ व डीएसपी कार्यभार संभालने आये, तो आवास के लिए भवन के अभाव में दोनों अधिकारियों को दोनों सामुदायिक भवन ही दे दिया गया. तब से आज तक एसडीओ व डीएसपी का आवास सामुदायिक भवन में ही है. मुख्य समस्या यह है कि दोनों अधिकारियों के रहने के लिए यहां आवास बना ही नहीं है. जानकारों का कहना है कि भवन की कमी की बात अधिकारी वरीय अधिकारी से कहते ही नहीं हैं. हर अधिकारी सुशासन में मुंह खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है.
भवन का उद्देश्य
जानकारों का कहना है कि दोनों सामुदायिक भवन बनाने के पीछे सरकार का उद्देश्य कुछ और था. यह भवन इसलिए बना कि गरीब तबके के लोग शादी-विवाह या अन्य कार्यक्रमों में इसका उपयोग कर सकें. अगर सामूहिक बैठक करनी हो, तो इस भवन का उपयोग कर सकें. प्रशासनिक अधिकारियों के चलते सरकार के साथ-साथ लोगों की मंशा पर भी पानी फिर गया.
क्या कहते हैं एसडीओ
एसडीओ अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि जब वे यहां प्रभार ग्रहण करने आये तो एसडीओ उज्जवल कुमार सिंह ने सामुदायिक भवन को ही आवास बताया. वह उसी में रह रहे हैं. इधर, डीएसपी शरद कुमार के छुट्टी पर चले जाने से उनके प्रभार में डीएसपी, मुख्यालय एके मिश्र हैं. वह यहां रहते नहीं हैं. उनका आवास जिला मुख्यालय, डुमरा में है. हालांकि डीएसपी के सामुदायिक भवन वाले आवास में पुलिस कर्मी व विभागीय कर्मी रहते हैं.