सीतामढ़ीः मंगलवार की सुबह जब लोग बिस्तर से उठे तो मौसम का मिजाज अचानक बदला हुआ पाया. कोहरा लगा हुआ था और चल रही तेज हवा से सिहरन पैदा हो रही थी. लोग बिना ऊनी कपड़े व जैकेट पहने घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे. सड़क पर महिला, पुरुष व बच्चे सब के सब ऊनी कपड़े से लिपटे पाये गये. बहुत से लोग और वह भी विशेष कर शहर में देखा गया कि इस हाड़ कंपा देने वाली ठंड की इस शुरुआती कहर से ही निबटने के लिए चाय की चुस्की पर चुस्की ले रहे थे.
प्रभात खबर की टीम ठंड के कहर का जायजा लेने के लिए शहर में भ्रमण की. टीम सबसे पहले रेलवे स्टेशन पहुंची. स्टेशन पर अलाव की कोई व्यवस्था नहीं देखा गया. सुखी-संपन्न यात्रियों के शरीर पर गरम कपड़े थे तो कई यात्री ऐसे थे जिनके शरीर पर ओढ़ने के लिए एक चादर के सिवा कुछ नहीं था. कई यात्री स्टेशन परिसर में चादर ओढ़े सोये थे तो कुछ बैठे थे. ऐसे यात्रियों के चेहरे पर ठंड का पूरा असर दिखाई दे रहा था. सदर अस्पताल परिसर में भी कई मरीजों को एक मात्र चादर के सहारे कंप-कंपाती ठंड से लड़ते देखा गया. वहीं विभिन्न स्थानों पर लोगों को अलाव जलाये देखा गया. एक रिक्शा चालक को रिक्शा पर एक चादर ओढ़े समय बिताते व ठंड के असर से बचने की कोशिश करते देखा गया. शीतलहर के अचानक शुरू होने पर ऊनी कपड़ों की दुकानों पर ग्राहकों की अच्छी-खासी भीड़ देखी गयी.
बथनाहा प्रखंड के माधोपुर गांव के किसान रेवती रमण झा, रामू झा, कन्हाई झा एवं सुप्पी प्रखंड के छौड़हिया गांव के किसान पंकज कुमार सिंह उर्फ मुन्ना कहते हैं कि यह मौसम गेहूं की फसल के लिए काफी लाभदायक है.