सीतामढ़ी/बेलसंड : जिले के कई प्रखंडों के किसान वर्षों से नीलगाय व जंगली सूअर के आतंक से परेशान हैं.दोनों जंगली पशुओं द्वारा बड़े पैमाने पर फसलों को क्षति पहुंचायी जा रही है. वन विभाग के स्तर से नीलगाय व जंगली सूअर पर अंकुश लगाने के लिए कल तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था. अब जाकर राज्य सरकार ने उक्त दोनों पशुओं के शिकार करने की छूट दे दी है.
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नवंबर 2016 तक नीलगाय मारने की छूट
सीतामढ़ी/बेलसंड : जिले के कई प्रखंडों के किसान वर्षों से नीलगाय व जंगली सूअर के आतंक से परेशान हैं.दोनों जंगली पशुओं द्वारा बड़े पैमाने पर फसलों को क्षति पहुंचायी जा रही है. वन विभाग के स्तर से नीलगाय व जंगली सूअर पर अंकुश लगाने के लिए कल तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था. […]
नीलगाय से 31 जिला प्रभावित : राज्य सरकार ने भारत सरकार को भेजे प्रस्ताव में बताया था कि नीलगाय के आतंक से सूबे का 31 जिला प्रभावित है, जिसमें सीतामढ़ी भी शामिल है. वहीं जंगली सूअर के आतंक से 10 जिला प्रभावित है. यहां बता दें कि इन 10 जिलों में सीतामढ़ी का नाम शामिल नहीं है. सरकार ने इस मामले का व्यापक प्रचार-प्रसार कराने को कहा है.
आलू की फसल बरबाद : रूपौली के किसान सीताराम महतो, नागेश्वर साह, प्रभाकर सिंह व कामेश सिंह समेत दर्जनों किसानों ने बताया कि नीलगाय जहां गेहूं की फसल को बरबाद कर रही है तो दूसरी ओर जंगली सूअर आलू की फसल को बरबाद कर रहा है. पीड़ित किसानों की संख्या सैकड़ों में होगी. हर किसी की नजर प्रशासन की ओर है जो दोनों पशुओं के आतंक से मुक्ति दिला दे.
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