सीतामढ़ीः अपनी विभिन्न मांगों को लेकर संघर्ष यात्रा के संयोजक शशि शेखर के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन आमरण-अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा. बुधवार को सभी वक्ताओं ने रून्नीसैदपुर के बलुआ गांव से सीआरपीएफ की कंपनी को हटाने के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण कार्रवाई कहा. कहा कि बलुआ में नक्सली व आपराधिक घटनाओं को जिम्मेदार मेसर्स अवंतिकाघरा रेड्डी ब्रदर्स है.
जिसे माओवादी नेता नेक मोहम्मद व सुनील गुप्ता की हत्या करायी. जिसके परिणाम में कामेश्वर यादव समेत दूसरे निदरेष लोगों की हत्या की गयी. जिसके लिए उच्चस्तरीय जांच की मांग सरकार से की जा रही है. सरकार को बागमती नदी व अधवारा तटबंध के झीम जमुड़ा बांध निर्माण कंपनी अवंतिकाघरा का कुख्यात अपराधियों से संबंध की जांच करे. वक्ताओं ने एक स्वर से सरकार से लक्ष्मण गंगा उर्फ लखनदेई नदी की पुरानी धारा में जल प्रवाह प्रवाहित कराया जाये एवं एसओएस में अधवारा समूह की नदी पर हो रहे तटबंध निर्माण को रोका जाये.
लोगों ने सरकार से स्पष्ट रूप से कहा कि अगर सरकार निर्णय में विलंब करती है तो जवाबदेही सरकार की होगी. वक्ताओं ने लक्ष्मणा गंगा नदी मे जल प्रवाह को लेकर आंदोलन करने वाले साधु-संतों पर दर्ज प्राथमिकी को भी समाप्त करने की मांग की. इसी प्रकार बथनाहा थाना कांड संख्या-1051/13 भी समाप्त करने की मांग की. बुधवार को उपवास पर शशि शेखर, विवेक कुमार मिश्र, इंदु दास रहे. कार्यक्रम में मुख्य रूप से नरोत्तम व्यास, श्रीनिवास मिश्र, सुनील कुमार सुमन, लालबाबू यादव उर्फ लालू दिवान, डा महेश कुमार, डा अखिलेश सिंह, डा राजीव, बालेश्वर प्रसाद, रंजन गोपाल, वालाजी शेखर, सुरेंद्र महतो, रामाकांत कुशवाहा, शैलेंद्र सिंह, रघुनाथ सिंह, शिवशंकर, हरिनारायण राय, संजय यादव, संजीव कुमार सिंह, जितेंद्र सिंह, मनोज शक्ति, शाहीन प्रवीण, कॉमरेड सुशील, कॉमरेड रामअनेक ठाकुर, सुरेंद्र महतो के साथ सैकड़ों लोग मौजूद थे.