सीतामढ़ीः नहाय-खाय के साथ बुधवार को शुरू चार दिवसीय छठ पर्व के दूसरे दिन गुरुवार को व्रतियों ने खरना किया. इस दौरान व्रती गुड़ व चावल से निर्मित खीर के साथ ही पुड़ी व फल आदि का प्रसाद बना कर छठी मइया के साथ-साथ कुल देवता, ब्रrा व महारानी को प्रसाद चढ़ा कर निमंत्रण दिया. खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रती बिना अन्न-जल के डूबते व उगते सूर्य को अर्घ देंगी.
इसके साथ हीं शनिवार को व्रत तोड़ेगी. जिले में छठ पर्व की तैयारी अंतिम चरण में है. गुरुवार को नदी व तालाबों पर घाट की सफाई, गोबर से लिपाई व केला का दंब आदि से घाटों को सजाया जाने लगा है. वहीं छठ मइया से संबंधित लोक गीतों से जिले का कोना-कोना गूंजने लगा है. सुबह होते ही लोग बाजारों की ओर छठ की सामग्री की खरीदारी को चल दिये. वहीं शहर की एक बड़ी आबादी छठ पूजा के अवसर पर गांव चली गयी है. दोपहर के बाद से सड़कों पर भीड़ कुछ कम होने लगी. शहर स्थित लखनदेइ नदी के घाट पर शहर के करीब 25 प्रतिशत व्रती छठ करती हैं.
वहीं विभिन्न कारणों से 75 प्रतिशत व्रती अपने घरों पर हीं तालाब का स्वरूप बना कर पूजा करती है. शहर के हनुमान मंदिर के समीप लोगों ने सड़क पर हीं ईंट से छोटा तालाब का निर्माण कराया है.प्रशासन द्वारा लखनदेइ घाट की व्यापक साफ-सफाई के साथ हीं पर्याप्त पानी के लिए करीब आधा दर्जन पंपसेट लगाये गये हैं. पेयजल को चापाकल लगाया गया है तो पांच स्थानों पर अस्थायी शौचालय बनाया गया है. साथ हीं व्रतियों के स्नान करने के लिए कई स्थानों पर झरना लगाया गया है.