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अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का पर्व है दीवाली

अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का पर्व है दीवालीफोटो नंबर- 1 से 15 तक छात्र-छात्राएं, 16 निदेशक बिट्टू विश्वास सीतामढ़ी. ‘तमसो मां ज्योर्तिगमय’ यानी अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो का त्योहार है दीवाली. समाज में अज्ञानता रूपी अंधकार के आवरण के कारण ही परस्पर विद्वेष, छल व दुखी-पीड़ित मानव के विकास […]

अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का पर्व है दीवालीफोटो नंबर- 1 से 15 तक छात्र-छात्राएं, 16 निदेशक बिट्टू विश्वास सीतामढ़ी. ‘तमसो मां ज्योर्तिगमय’ यानी अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो का त्योहार है दीवाली. समाज में अज्ञानता रूपी अंधकार के आवरण के कारण ही परस्पर विद्वेष, छल व दुखी-पीड़ित मानव के विकास को अवरुद्ध करता है. जरूरत है इस त्योहार के अवसर पर समाज से अज्ञानता रूपी आवरण हटा कर ज्ञान रूपी प्रकाश से समस्याओं को दूर करने की संकल्प लेने का. पर्व को लेकर डुमरा रोड, साहु चौक स्थित ‘हैप्पी चिल्ड्रेनस स्कूल के विद्यार्थियों से प्रभात खबर की टीम ने बातचीत की. पेश है कुछ प्रमुख अंश. फुल कुमारी, अभिनव कृष्ण, सुशांत व कृष्णा राज : भगवान राम द्वारा अत्याचारी रावण के वध के बाद अयोध्यावासियों ने श्री राम के अयोध्या आगमन पर पहली बार दीवाली का त्योहार मनाया था. तब से प्रतिवर्ष दीवाली मना कर समाज में फैले दानवता को दूर करने के लिए इस त्योहार को मनाना चाहिए. साथ ही समाज में खुशी, समृद्धि व शांति बना रहे इसके लिए भगवान गणेश व लक्ष्मी की पूजा करना चाहिए. न कि पटाखे फोड़ कर पर्यावरण को प्रदूषित करना चाहिए. मो अहमद, शाह जफर, आदित्य कुणाल, राजाबाबू व अभिषेक कुमार : दीवाली स्वच्छता का त्योहार है. इसमें हमें बाहर के गंदगी के साथ अपने मन की गंदगी को भी दूर करना चाहिए. तभी एक समृद्ध समाज व देश का निर्माण होगा. वैसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इस त्योहार का विशेष महत्व है. इस अवसर पर पटाखा फोड़ कर व केरोसिन का दीपक जला कर हमें वातावरण को प्रदूषित करने से परहेज करना चाहिए. रौशन, सुमैया जफर व नीतू : दीवाली प्रकाश का पर्व है. इसे खुशी पूर्वक मनायेंगे. पर्यावरण की रक्षा के लिए पटाखा नहीं फोड़ेंगे. दीपक में केरोसिन के बदले तील व सरसों के तेल का प्रयोग करेंगे या घी का दीपक जलायेंगे. घर व आसपास की सफाई करेंगे और भगवान गणेश व लक्ष्मी की पूजा कर देश में समृद्धि की कामना करेंगे. साथियों के साथ मिठाइयां खायेंगे और खुशी मनायेंगे. विद्या लक्ष्मी, शिवम व अर्पणा : दीवाली सामाजिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है. यह त्योहार धान के उत्पादन व रबी फसलों की बुआई से पूर्व मनाया जाता है. इस अवसर पर जलाये गये दीपमाला में कीड़े-मकोड़े जल कर साफ हो जाते हैं, इससे वातावरण में स्वच्छता आती है. इस त्योहार के दौरान पटाखा फोड़ कर व दीपक में केरोसिन का प्रयोग कर हमें कभी पर्यावरण का प्रदूषित नहीं करना चाहिए. हम बच्चों को संकल्प लेना चाहिए कि समाज में शांति व सौहार्दपूर्ण वातावरण कायम करते हुए खुशी से इस त्योहार को मनाये और जरूरतमंदों की सहायता करें. दीन-दुखियों को सहयोग की अपील स्कूल के निदेशक बिट्टू विश्वास ने दीवाली के पावन त्योहर पर दीन-दुखियों को सहयोग करने की अपील की है. कहा है कि हमारे समाज में दर्जनों लोग ऐसे होते हैं, जो आर्थिक स्थिति के चलते पर्व-त्योहार में भी खुशी नहीं मना पाते हैं. ऐसे लोगों को सहायता करना हमारा दायित्व बनता है ताकि उनकी भी दीवाली मन सके. साथ ही कहा कि बच्चों को पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए त्योहार मनाना चाहिए.

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