डीलर सरकारी खजाना में जमा नहीं करा सके पैसा (पेज तीन के लिए)नौ डीलरों पर खाद्यान्न का लाखों बकाया परिहार. प्रखंड के नौ डीलरों को बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत वितरण के लिए खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया था. यह बात वर्ष 2010 की है. बाढ़ नहीं आने के चलते राहत का वितरण नहीं हुआ और डीलर सरकारी खाद्यान्न हजम कर गये. डीलरों द्वारा न तो खाद्यान्न और न ही उसकी राशि सरकारी खजाने में जमा करायी जा सकी है. क्या है पूरा मामला स्थानीय सीओ के 17 जुलाई 10 के आदेश के आलोक में नौ डीलरों द्वारा खाद्यान्न का उठाव किया गया था. बाद में जिला आपदा प्रबंधन प्रशाखा के प्रभारी पदाधिकारी ने 31 दिसंबर 10 को संबंधित डीलरों को पत्र भेज उठाव किये गये खाद्यान्न को एसएफसी के गोदाम में जमा कराने का निर्देश दिया था. तत्कालीन सीओ राजाराम ने 10 मई 13 को डीलरों से जवाब-तलब भी किया था. वहीं, अगस्त 2013 में सीओ द्वारा डीलरों से 24 घंटा के अंदर इस आशय का जवाब मांगा गया कि खाद्यान्न का वितरण किया गया अथवा गोदाम में जमा कराया गया. मात्र दो डीलरों द्वारा जवाब देने के साथ ही यह जानकारी दी गयी कि खाद्यान्न एसएफसी गोदाम में जमा करा दिया गया है. इन डीलरों में महादेवपट्टी के संजय कुमार राउत व बाया के रामचंद्र साह शामिल हैं. किसको कितना खाद्यान्न बता दें कि बथुआरा के डीलर गणेश साह, लहुरिया के इजहार अहमद, बबुरवन के मथुरा राय व जगदर के राकेश कुमार को 100-100 क्विंटल चावल व गेहूं, इंदरवा के अब्दुल हइ को 100 क्विंटल चावल एवं परिहार उत्तरी के जितेंद्र कुमार को 200-200 क्विंटल चावल व गेहूं दी गयी है. यानी कुल 1500 क्विंटल खाद्यान्न का पैसा सरकारी खजाना में जमा नहीं कराया गया है.
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डीलर सरकारी खजाना में जमा नहीं करा सके पैसा
डीलर सरकारी खजाना में जमा नहीं करा सके पैसा (पेज तीन के लिए)नौ डीलरों पर खाद्यान्न का लाखों बकाया परिहार. प्रखंड के नौ डीलरों को बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत वितरण के लिए खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया था. यह बात वर्ष 2010 की है. बाढ़ नहीं आने के चलते राहत का वितरण नहीं हुआ और […]
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