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रीगा चीनी मिल ने संकट से उबरने को मांगा आर्थिक पैकेज
सीतामढ़ी : ऑल इंडिया गन्ना उत्पादक संगठन के संयोजक सह रीगा चीनी मिल के मालिक ओम प्रकाश धानुका ने कहा है कि उनका मिल आर्थिक संकट की दौड़ से गुजर रहा है. श्री धानुका ने डीएम के माध्यम से पीएम व सीएम को पत्र भेज मिल को आर्थिक संकट से उबारने के लिए विशेष आर्थिक […]
सीतामढ़ी : ऑल इंडिया गन्ना उत्पादक संगठन के संयोजक सह रीगा चीनी मिल के मालिक ओम प्रकाश धानुका ने कहा है कि उनका मिल आर्थिक संकट की दौड़ से गुजर रहा है. श्री धानुका ने डीएम के माध्यम से पीएम व सीएम को पत्र भेज मिल को आर्थिक संकट से उबारने के लिए विशेष आर्थिक पैकेज देने की मांग की है.
प्राकृतिक आपदा से प्रभावित
सीएम को श्री धानुका ने अवगत कराया है कि रीगा चीनी मिल सीतामढ़ी व शिवहर जिला के विकास में अग्रणी रही है. विगत दिनों आयी प्राकृतिक आपदाओं से गन्ना फसल की उपज में भारी गिरावट आने से किसानों के साथ-साथ मिल को काफी आर्थिक क्षति हुई है. इससे मिल को उबारने के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की जरूरत है. अन्य मिलों की अपेक्षा रीगा चीनी मिल को अधिक सहायता की जरूरत है.
50 करोड़ भुगतान लंबित
पत्र में कहा गया है कि रीगा चीनी मिल के गन्ना किसानों का करीब 50 करोड़ रुपया भुगतान के लिए लंबित है. यह मिल एक वर्ष का स्टेट एक्साइज ड्यूटी व भैट के रूप में करीब 36 करोड़ भुगतान करता है.
सीएम से एक वर्ष की देय राशि को पांच वर्ष के लिए चार प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर टर्म लोन के रूप में देने की मांग की गयी है. श्री धानुका ने सीएम से विभिन्न प्रकार के अनुदान के रूप में दिये जाने वाले 16 करोड़ रुपये का भुगतान शीघ्र कराने की मांग की है ताकि किसानों के बकाये का भुगतान किया जा सके.
1600 गांव, 50 हजार किसान
श्री धानुका ने कहा है कि रीगा चीनी मिल परिक्षेत्र के लगभग 1600 गांवों में करीब 50 हजार किसान है जो गन्ना की खेती पर निर्भर है. इन किसानों के उत्थान के लिए रीगा चीनी मिल का चलना अति आवश्यक है. उन्होंने डीएम से उक्त बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए अपने स्तर से सीएम को अवगत कराने का आग्रह किया है.
पांच करोड़ से अधिक किसानों का भुगतान लंबित
सीएम को संबोधित पत्र में श्री धानुका ने कहा है कि देश में पांच करोड़ से अधिक गन्ना किसानों का लगभग 21 हजार करोड़ गन्ना मूल्य का भुगतान लंबित है. किसानों के न रहने पर चीनी मिलों को कोई अस्तित्व नहीं है. अगर चीनी मिलों को बंद कर दिया जाय तो किसानों की दशा बदतर हो जायेगी. जो चीनी मिलें चालू है, उस क्षेत्र में ट्रैक्टर, पक्का मकान व स्कूल जाने वाले बच्चों की संख्या दो गुनी हो गयी है. इससे ठीक विपरीत स्थिति उस क्षेत्र की है, जहां ही मिले बंद हैं.
पीएम से चार सूत्री मांग
डीएम के माध्यम से पीएम नरेंद्र मोदी से देश के चीनी मिलों के लिए चार सूत्री मांग की गयी है. श्री धानुका ने 30 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक का निर्माण कराने, केंद्र सरकार द्वारा अपने स्तर से 30 लाख टन चीनी का निर्यात कराने, चीनी मिलों को ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने व 36 हजार करोड़ रुपये की कर्ज में डूबी चीनी मिलों को री-स्ट्रर ऋण उपलब्ध कराने की मांग की है.
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