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गुलाम रहने को मजबूर है वित्तरहित कर्मी

— वित्तरहित क्रांति मोरचा ने रेलवे स्टेशन परिसर में की नुक्कड़ सभा– 35 वर्षों से बिना वेतन के काम कर रहे वित्तरहित शिक्षक : प्रो विनय– मुख्यमंत्री समस्या के समाधान के लिए बनायेंगे कारगर नीति : नागेंद्र सीतामढ़ी : वित्तरहित क्रांति मोरचा के तत्वावधान में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत स्थानीय रेलवे स्टेशन परिसर में […]

— वित्तरहित क्रांति मोरचा ने रेलवे स्टेशन परिसर में की नुक्कड़ सभा– 35 वर्षों से बिना वेतन के काम कर रहे वित्तरहित शिक्षक : प्रो विनय– मुख्यमंत्री समस्या के समाधान के लिए बनायेंगे कारगर नीति : नागेंद्र सीतामढ़ी : वित्तरहित क्रांति मोरचा के तत्वावधान में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत स्थानीय रेलवे स्टेशन परिसर में नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का आयोजन बिहार के माथे लगे कलंक वित्तरहित शिक्षा नीति के विरोध में करीब 35 वर्षों से बिना वेतन के कार्य कर रहे हजारों वित्तरहित कर्मियों की समस्या के समाधान के लिए किया गया है. सभा की अध्यक्षता प्रो वीरेंद्र सिंह, संचालन प्रो जितेंद्र सिंह एवं विषय प्रवेश प्रो फणींद्र कुमार चौधरी ने किया. प्रो (डॉ) दिगंबर ठाकुर दिनकर ने कहा कि वित्तरहित शिक्षा नीति सरकारी नुमाइंदों द्वारा प्रबंधन के पक्ष में जान बूझ कर कर्मियों के शोषण के लिए बनायी गयी ऐसी नीति है, जिसके तहत बिना वेतन के वित्तरहित कर्मी आर्थिक परेशानी झेलने को मजबूर है. प्रो विनय कुमार चौधरी ने कहा कि भारत में केवल बिहार नहीं वरन विश्व की यह अजूबा नीति है कि शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करनेवाले विद्वान शिक्षक एवं कुशल कर्मी बिन वेतन के 35 वर्षों से कार्य कर रहे हैं. ऐसी गंभीर समस्या के समाधान के लिए आज तक की सरकार कोई कारगर कोई कारगर कदम नहीं उठायी है. जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष सह समाजसेवी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने यह विश्वास व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री इस संवेदनशील मामले को गंभीरता से लेंगे. सभा को रामनेक ठाकुर, जगन्नाथ सिंह, प्रो (डॉ) बेबी नम्रता, प्रो शाह आलम, प्रो अशोक लाल दास, वीरेंद्र मिश्रा, प्रो मिश्री लाल सिंह, प्रो अरुण पाठक, प्रो देव नारायण यादव, प्रो दिलीप कुमार सिंह समेत अन्य ने संबोधित किया.

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