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शिक्षिका की जायेगी नौकरी

नेपाल के प्रशिक्षण प्रमाणपत्र पर कर रही हैं नौकरी सीतामढ़ी : बैरगनिया प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय, सिंदुरिया की शिक्षिका ममता कुमारी मधु की नौकरी अब चली जायेगी. डीपीओ, स्थापना ने नगर पंचायत बैरगनिया के कार्यपालक पदाधिकारी सह नगर नियोजन इकाई समिति के सदस्य सचिव को शिक्षिका ममता कुमारी की सेवा समाप्त करने का निर्देश दिया […]

नेपाल के प्रशिक्षण प्रमाणपत्र पर कर रही हैं नौकरी
सीतामढ़ी : बैरगनिया प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय, सिंदुरिया की शिक्षिका ममता कुमारी मधु की नौकरी अब चली जायेगी. डीपीओ, स्थापना ने नगर पंचायत बैरगनिया के कार्यपालक पदाधिकारी सह नगर नियोजन इकाई समिति के सदस्य सचिव को शिक्षिका ममता कुमारी की सेवा समाप्त करने का निर्देश दिया है.
साथ ही शिक्षिका से वेतन मद में ली गयी राशि की वसूली करने को कहा है. वह नेपाली शिक्षक प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रही है. इसकी शिकायत मिलने पर डीएम डॉ प्रतिमा ने डीइओ को जांच का आदेश दिया था.
क्या है पूरा मामला
नगर के प्रताप नगर निवासी रघुनंदन सहनी ने डीएम को बताया था कि नगर पंचायत, बैरगनिया द्वारा 11 अप्रैल 2007 को ममता कुमारी मधु को प्रशिक्षित शिक्षक के पद पर नियोजित किया गया. शिक्षिका का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र नेमधारी वासुदेव प्राइमरी टीचर्स ट्रेनिंग, गौर, रौतहट, नेपाल से निर्गत है.
उक्त प्रमाण पत्र का कोर्स 10 माह का है जो शिक्षक पद पर नियोजन के लिए वैध नहीं है. तत्कालीन बीइओ वीरेंद्र नाथ मिश्र ने उक्त प्रमाण पत्र पर संदेह व्यक्त किया था और डीपीओ स्थापना से मार्गदर्शन मांगा था. बाद में डीइओ व डीपीओ के स्तर से अवैध प्रमाण पत्र पर नियोजित शिक्षिका के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी और उसके मानदेय के भुगतान का आदेश दे दिया गया.
डीपीओ के पत्र पर सवाल
इस मामले में नपं कार्यपालक पदाधिकारी ने डीपीओ से मार्ग दर्शन मांगा था. पत्र में डीपीओ ने बीइओ को प्रमाणपत्रों की जांच कर ममता के मानदेय के भुगतान करने का निर्देश दिया गया था.
बाद में बीइओ ने 29 जनवरी 13 को भेजे पत्र में डीपीओ को बताया था कि ममता का नियोजन वैध है. तब डीपीओ ने माना कि बीइओ द्वारा उक्त शिक्षिका के बारे में भ्रामक तथ्य समर्पित किया गया. डीइओ ने नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी को कहा था कि जब तक शिक्षिका के प्रशिक्षण प्रमाण पत्र की वैधता प्रमाणित न हो जाये, तब तक अनुमंडल पदाधिकारी के स्तर से निर्गत शपथ पत्र प्राप्त कर उक्त शिक्षिका को अप्रशिक्षित शिक्षिका के रूप में ही कार्यरत अवधि का मानदेय भुगतान करना उचित होगा.
शिक्षिका ने नहीं सौंपा स्पष्टीकरण
डीइओ ने उक्त शिक्षिका से प्रशिक्षण प्रमाण पत्र की बाबत 19 अगस्त 14 को स्पष्टीकरण पूछा था. पुन: नौ सितंबर 14 को उसे तीन दिन में स्पष्टीकरण देने को कहा गया. साथ ही यह चेतावनी दी गयी थी कि जवाब नहीं मिलने पर यह मान लिया जायेगा कि इस मामले में कुछ नहीं कहना है और एकतरफा निर्णय ले लिया जायेगा.
क्या है डीपीओ का निर्देश
डीपीओ ने जारी पत्र में कहा है कि शिक्षिका ममता कुमारी का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र नेपाल का है जो राज्य सरकार अंतर्गत शिक्षक नियोजन के लिए मान्य नहीं है. शिक्षिका के स्पष्टीकरण से भी यह स्पष्ट हो गया है कि उसका प्रशिक्षण प्रमाण पत्र नेपाल से निर्गत है. डीपीओ ने कार्यपालक पदाधिकारी को एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को कहा है.

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