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जांच को 19 माह से मामला लंबित

सीतामढ़ी : जिला जन शिकायत कोषांग में सैकड़ों मामले वर्षो से लंबित है. कुछ मामलों में संबंधित पदाधिकारी से जांच रिपोर्ट नहीं मिल सकी है तो कुछ मामलों में जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बावजूद अब तक उसका निबटारा नहीं हो सका है. संबंधित आवेदक को बार-बार निर्धारित तिथि पर जनता दरबार में बुलाया जाता […]

सीतामढ़ी : जिला जन शिकायत कोषांग में सैकड़ों मामले वर्षो से लंबित है. कुछ मामलों में संबंधित पदाधिकारी से जांच रिपोर्ट नहीं मिल सकी है तो कुछ मामलों में जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बावजूद अब तक उसका निबटारा नहीं हो सका है.
संबंधित आवेदक को बार-बार निर्धारित तिथि पर जनता दरबार में बुलाया जाता है और हर बार रिपोर्ट नहीं मिलने की बात कह उसे लौटा लिया जाता है. इसी तरह का एक मामला सोनबरसा प्रखंड के मयुरवा गांव का है. वहां के राज नारायण सिंह ने डीएम के जनता दरबार में एक आवेदन दिया था जो वर्षो से लंबित है. 19 माह पूर्व डीएम डॉ प्रतिमा ने विशेष भू-अजर्न पदाधिकारी को श्री सिंह के मामले की जांच का आदेश दिया था. जांच रिपोर्ट जिला जन शिकायत कोषांग को अब तक नहीं मिल सका है.
क्या है यह पूरा मामला
श्री सिंह ने एक बार फिर डीएम के जनता दरबार में आवेदन दिया है. 21 मई को दिये आवेदन में कहा है कि झीम-जमुरा नदी के बांध के निर्माण में उनका जमीन पड़ रहा है. यह जमीन कोहबरवा मौजे में पड़ता है, जिसका खाता नंबर-355, 170, 288 व 347 है. उक्त चारों खाता के सात खेसरा नंबर की जमीन में आम व लीची का बगीचा है, जबकि किनारे में शीशम व सेमल का पेड़ है. खेसरा नंबर 351 में बोरिंग भी है. वे इन सारी बातों की जानकारी 14 अगस्त 13 को हीं विशेष भू-अजर्न पदाधिकारी को दे चुके हैं.
तब पहुंचे जनता दरबार
श्री सिंह ने कहा है कि विभाग से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने एवं खतियान के आधार पर जमीन का वर्गीकरण करने की स्थिति में वे 17 अक्तूबर 13 को डीएम के जनता दरबार में आवेदन देकर समस्या का समाधान कराने की मांग किये थे.
बार-बार जनता दरबार में आने पर सिर्फ आश्वासन मिला, समस्या का कोई समाधान नहीं किया जा सका. उन्हें पता चला है कि जांच में टीम आयी थी, पर उनसे कोई पूछताछ किये बगैर टीम लौट गयी. श्री सिंह ने डीएम से आग्रह किया है कि वे अपने स्तर से जांच करा कर संबंधित खेसरा नंबर की जमीन में लगे आम व लीची के बगीचा को रिपोर्ट में बगीचा के रूप में दरसाने का आदेश दिया जाय ताकि उन्हें उचित मुआवजा मिल सके.
श्री सिंह 17 अक्तूबर 13 को पहली बार डीएम के जनता दरबार में शिकायत किये थे. इस बीच वे कई बार आवेदन दिये और हर बार विशेष भू-अजर्न पदाधिकारी को जांच का आदेश दिया गया. अब तक जांच रिपोर्ट नहीं मिलने पर वे 21 मई को पुन: आवेदन दिये और फिर उसी अधिकारी को जांच के लिए दिया गया है. जिला जन शिकायत कोषांग से उक्त आवेदन की बाबत जानकारी मिली कि जांच रिपोर्ट नहीं मिली है. विशेष भू-अजर्न पदाधिकारी को रिपोर्ट देने के लिए स्मारित किया जा रहा है.

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