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कलेक्ट्रेट गोलीकांड का फैसला दो जून को
डुमरा कोर्ट (सीतामढ़ी) : समाहरणालय गोली कांड मामले में फैसला दो जून को सुनाया जायेगा. मामले में 17 वर्ष बाद फैसला आ रहा है. गुरुवार को तदर्थ सत्र न्यायाधीश प्रथम मो इरशाद अली ने गुरुवार को सुनवाई कर फैसले की तिथि दो जून तय की है. जिले के लोगों को फैसले का बेसब्री से इंतजार […]
डुमरा कोर्ट (सीतामढ़ी) : समाहरणालय गोली कांड मामले में फैसला दो जून को सुनाया जायेगा. मामले में 17 वर्ष बाद फैसला आ रहा है. गुरुवार को तदर्थ सत्र न्यायाधीश प्रथम मो इरशाद अली ने गुरुवार को सुनवाई कर फैसले की तिथि दो जून तय की है. जिले के लोगों को फैसले का बेसब्री से इंतजार है.
इसमें दो पूर्व सांसद समेत 73 आरोपित थे. 60 के खिलाफ आरोप गठन किया गया था.घटना के दौरान पुलिस की गोली से पूर्व विधायक रामचरित्र राय, डॉ अयूब, मोनिफ अंसारी, महंत मंडल व रामपरी देवी की मौके पर
ही मौत हो गयी थी. वहीं, प्रदर्शनकारियों के पथराव से तत्कालीन डीएम श्री प्रसाद, एसपी डॉ परेश सक्सेना समेत आठ अधिकारी जख्मी हो गये थे. दंडाधिकारी रहे तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी देवेंद्र कुमार वर्मा ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी, जिसमें पूर्व सांसद नवल किशोर राय, मो अनवारुल हक व राजद नेता मनोज कुमार समेत 73 को आरोपित किया गया था.
क्या है मामला
11 अगस्त 1998 को जदयू व कम्यूनिस्ट पार्टी की ओर से संयुक्त रूप से कलेक्ट्रेट के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया गया था. मौके पर पुलिस अधिकारियों के साथ दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी थी.
दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने उग्र प्रदर्शन किया था. बाढ़ राहत की मांग को लेकर यह कार्यक्रम किया गया था. प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए तत्कालीन डीएम रामनंदन प्रसाद के आदेश पर आसू गैस छोड़े गये. लाठी चार्ज भी किया गया था. इस पर लोग और उग्र हो गये थे. कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट परिसर में चले गये थे. तब डीएम श्री प्रसाद के आदेश पर पुलिस ने आठ चक्र गोलियां चलायी थीं.
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