फोटो नंबर- 7 शहर में वट वृक्ष की पूजा करती महिलाएं, 8 कथा श्रवण करती महिलाएं, 9 डुमरा में पूजा करती सुहागिन — पति के दीर्घायु होने को की जाती है वट सावित्री की पूजा सीतामढ़ी/बोखड़ा . मिथिलांचल में रविवार को बट सावित्री व्रत किया गया. इस दौरान सुहागिन महिलाएं बट वृक्ष की पूजा की. यह व्रत पति के दीर्घायु होने एवं धन-यश की प्राप्ति के लिए की जाती है. बोखड़ा के खड़का गांव के बजरंग चौके स्थित बट वृक्ष के समीप क्रमश: राधा, अंजु, सविता, प्रीति, नीलम, आशा, ममता, हेमा, सविता व रानी समेत अन्य महिलाओं ने पूजा-अर्चना की. — नये कपड़े में थी महिलाएं जेष्ठ कृष्ण पक्ष के अमावस्या तिथि को यह व्रत किया जाता है. नव विवाहिता व सुहागिन नये कपड़ा पहन फल-फूल, अक्षत व अन्य पूजन सामग्री लेकर वट वृक्ष के पास पूजा करती है. वहां पर दीप जलाती है और पीला कच्चा धागा वट वृक्ष में लपेटती है. कहा जाता है कि ऐसा करने से पति दीर्घायु होते हैं. — वट सावित्री पूजा की कथा पंडित मुनींद्र ठाकुर बताते हैं कि सबसे पहले ब्रह्मा की पुत्री सावित्री ने बरगद के पेड़ की पूजा शुरू की थी. शास्त्र के अनुसार, शिव-पार्वती भ्रमण के दौरान सावित्री को वट वृक्ष की पूजा करते देखा. पार्वती जी ने शिव जी से सवाल किया कि यह किस चीज का पेड़ है और इसके नीचे क्यों पूजा की जा रही है? इस पर शिव ही ने जवाब दिया कि ब्रह्मा की पुत्री सावित्री वट वृक्ष की पूजा कर रही है. मृत्यु भुवन में सुहागिन आज के दिन नियम व निष्ठा से वट वृक्ष की पूजा करेगी, उसके पति दीर्घायु होंगे और धन व यश की प्राप्ति होगी.
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सुहागिनों ने की वट वृक्ष की पूजा
फोटो नंबर- 7 शहर में वट वृक्ष की पूजा करती महिलाएं, 8 कथा श्रवण करती महिलाएं, 9 डुमरा में पूजा करती सुहागिन — पति के दीर्घायु होने को की जाती है वट सावित्री की पूजा सीतामढ़ी/बोखड़ा . मिथिलांचल में रविवार को बट सावित्री व्रत किया गया. इस दौरान सुहागिन महिलाएं बट वृक्ष की पूजा की. […]
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