— नीतीश सरकार के फैसले का विरोध सुरसंड : प्रखंड क्षेत्र के कुम्मा ओपी को फिर से खोले जाने के फैसले को नीतीश सरकार ने रद्द कर दिया है. सरकार के उक्त निर्णय का कड़ा विरोध किया जा रहा है. इसको ले कुम्मा बाजार परिसर में समाजसेवी माया शंकर शरण की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. वक्ताओं ने कहा कि पूर्व मंत्री शाहिद अली खां के प्रयास से 19 फरवरी 15 को मांझी सरकार ने कुम्मा ओपी को फिर से स्थापित करने का निर्णय था, जिसे नीतीश सरकार ने एक झटके में निरस्त कर दिया. कहा गया कि जब से कुम्मा से ओपी हटाया गया है, तब से दिन-दहाड़े बस में लूटपाट, व्यवसायी को गोली मार पैसा लुटने व सांप्रदायिक घटनाएं समेत 20 से अधिक बड़ी घटनाएं हो चुकी है. — वर्ष 2010 में हटा ओपी वक्ताओं ने कहा कि करीब 40 वर्ष पूर्व स्थापित ओपी को वर्ष 2010 में हटा दिया गया. ग्रामीण प्रमोद कुमार, राम अशीष साह, मो अरसद, अलाउद्दीन खां, विश्वनाथ प्रसाद व सांसद प्रतिनिधि पूरन साह ने राज्य सरकार से एक माह के अंदर ओपी को फिर से स्थापित करने की मांग की है. ऐसा नहीं होने पर धरना-प्रदर्शन एवं एनएच-104 को जाम करने की बात कही है. — कहते हैं पूर्व मंत्री इस बाबत पूर्व मंत्री शाहिद अली खां ने बताया कि कुछ लोग कहते हैं कि प्रोसेस में गये बिना कुछ फैसले पास कर लिये गये, जबकि बिना प्रोसेस में गये कैबिनेट पास नहीं करती है. वे कहते हैं कि कुम्मा ओपी सिर्फ जुबानी चल रहा था. उन्होंने डीएम, एसपी, सरकार व गृह मंत्रालय के बाद कैबिनेट से स्वीकृत कराया. क्षेत्र के लोगों की इच्छा थी कि कुम्मा में फिर से ओपी खुले, लेकिन नीतीश कुमार ने ओपी खोलने के निर्णय को रद्द कर दिया.
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कुम्मा ओपी की स्थापना का फैसला निरस्त
— नीतीश सरकार के फैसले का विरोध सुरसंड : प्रखंड क्षेत्र के कुम्मा ओपी को फिर से खोले जाने के फैसले को नीतीश सरकार ने रद्द कर दिया है. सरकार के उक्त निर्णय का कड़ा विरोध किया जा रहा है. इसको ले कुम्मा बाजार परिसर में समाजसेवी माया शंकर शरण की अध्यक्षता में एक बैठक […]
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