13 बच्चों में से नौ को इलाज के बाद अस्पताल से दी छुट्टी
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तीन और बच्चों में चमकी बुखार के लक्षण, भर्ती
13 बच्चों में से नौ को इलाज के बाद अस्पताल से दी छुट्टी सीतामढ़ी : जिले में चमकी बुखार (एइएस) का कहर थम नहीं रहा है. पिछले आठ दिनों के भीतर उक्त बीमारी से पीड़ित बच्चों का सदर अस्पताल में आना जारी है. अस्पताल के एइएस वार्ड में चिकित्सा पदाधिकारी सह शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ […]
सीतामढ़ी : जिले में चमकी बुखार (एइएस) का कहर थम नहीं रहा है. पिछले आठ दिनों के भीतर उक्त बीमारी से पीड़ित बच्चों का सदर अस्पताल में आना जारी है. अस्पताल के एइएस वार्ड में चिकित्सा पदाधिकारी सह शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अब्दुल बासित व डॉ हिमांशु शेखर की निगरानी से इन बच्चों का उपचार किया जा रहा है.
सोमवार को जांच में दो बच्चों में चमकी बुखार का लक्षण पाया गया, जिसके बाद एइएस वार्ड में समुचित इलाज किया जा रहा है. आज भर्ती बच्चों में नानपुर प्रखंड के बेला गांव निवासी मो नौशाद का छह वर्षीय पुत्र फरहान एवं परिहार प्रखंड के खैरवा गांव निवासी कांत लाल पासवान के एक वर्षीय पुत्र कुंदन कुमार शामिल है. रविवार की सुबह नेपाल के सर्लाही जिले के मधुबनी गांव निवासी सुनील कुमार महतो की नौ माह की पुत्री मनीषा कुमारी एवं नगर के राजोपट्टी निवासी मो कासिम कुरैशी की साढ़े चार साल की पुत्री समीरा खातून को एइएस वार्ड में भर्ती कराया गया था.
रविवार की देर शाम बथनाहा प्रखंड के पुरनहिया गांव निवासी गणेश मिश्रा के दो वर्षीय पुत्र गौतम कुमार की जांच में एइएस का लक्षण पाये जाने पर यहां उपचार के लिए भर्ती किया गया था. सदर अस्तपाल के डीएस डॉ शकील अंजुम ने बताया कि प्रोटोकॉल के हिसाब से इन मरीजों का इलाज किया जा रहा है. पिछले आठ दिनों में अब तक 13 बच्चों में एइएस का लक्षण पाकर इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, जिसमें नौ को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. उधर एइएस वार्ड में इलाजरत फरहान की हालत नाजुक बनी है.
क्षेत्रीय उपनिदेशक ने एइएस वार्ड का किया निरीक्षण: क्षेत्रीय उप निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं डॉ अशोक कुमार ने सोमवार की दोपहर सदर अस्पताल पहुंचकर एइएस वार्ड का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने मरीज की स्थिति के बारे में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक से जानकारी ली. वहीं मरीज के परिवार के लोगों से मिल रही सुविधा के बारे मे पूछताछ की. उन्होंने वार्ड में काम कर रहे कर्मी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया. उसके बाद सीएस व डीएस के साथ-साथ चिकित्सकों के साथ एक बैठक की. उन्होंने सीएस को स्पष्ट तौर पर कहा कि वे एइएस वार्ड में हर व्यवस्था करे.
बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि लोगों में जागरूकता लाने की जरूरत है. इस बीमारी से बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीयें. छोटे बच्चों को बिना खाना खिलाये सोने नहीं दें. साथ हीं गंदगी से बचाव किया जाए. उन्होंने मीडिया कर्मियों से कहा कि इस अभियान में आपका साथ भी जरूरी है. निरीक्षण के दौरान सीएस डॉ रवींद्र कुमार, डीएस डॉ शकील अंजुम, डॉ अब्दुल बासित, डॉ हिमांशु शेखर समेत अन्य कर्मी मौजूद थे.
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