नगर के राजेंद्र भवन सभागार में पुस्तक प्रदर्शनी सह मेला
दूसरे दिन भर उमड़ी रही पुस्तकप्रेमियों की भीड़
मेला में मैथिली साहित्य की भीबढ़ रही मांग
पुस्तकों की खरीद पर 10 से 20 प्रतिशत तक की मिल रही छूट
सीतामढ़ी : नगर के राजेंद्र भवन सभागार में आयोजित पुस्तक प्रदर्शनी सह मेला के दूसरे दिन शनिवार को पुस्तक प्रेमियों की भीड़ लगी रही. देर शाम तक पुस्तक प्रेमी विभिन्न स्टॉलों पर पुस्तकों का अवलोकन करते दिखे.
पुस्तक मेला में एक से बढ़कर एक साहित्यिक व धार्मिक पुस्तकों की श्रृंखला स्टॉल पर लगी है. इसमें श्रीलाल शुक्ल की ‘राग दरबारी’, कृष्णा सोबती की ‘गुजरात पाकिस्तान से गुजरात हिंदुस्तान’, दूधनाथ सिंह की ‘आखिरी कलाम’, गीतांजलि श्री की ‘रेल समाधि’, ज्ञान चतुर्वेदी की ‘पागलखाना’, विकास कुमार झा की ‘मैकलुस्कीगंज’ व ‘वर्षावन की रूपकथा’, सत्यजीत राय की ‘सोने का किला’, नागार्जुन की ‘बलचनमा’, ‘उग्रतारा’, ‘रतिनाथ की चाची’, फणीश्वरनाथ रेणु की ‘मैला आंचल’, ‘परती : परिकथा’, ‘कितने चौराहे’, आशा प्रभात की ‘कैसा सच’, शशिकांत मिश्र की ‘नॉन रेजिडेंट बिहारी कहीं पास कहीं फेल’, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की आत्मकथा ‘जीवन जैसा जिया’, पुष्यमित्र की ‘जब नील का दाग मिटा’, रविकांत की ‘आज के आइने में राष्ट्रवाद’, क्षितिज रॉय की ‘गंदी बात’, रवीश कुमार की ‘इश्क में शहर होना’, गिरींद्र नाथ झा की ‘इश्क में माटी सोना’, विनीत कुमार की ‘इश्क कोई न्यूज नहीं’, राजेंद्र यादव की ‘सारा आकाश’, मन्नू भंडारी की ‘महाभोज’ को पाठक पसंद कर रहे हैं. इसके अलावा मैथिली साहित्य भी यहां पुस्तक प्रेमियों की खास पसंद बन रहा है. इनकी प्रतियों की भी मांग हो रही है. इसके अलावा बाल साहित्य से लेकर पत्रकारिता से जुड़े लोगों के लिए भी पुस्तकों की लंबी श्रृंखला स्टॉल पर सजी है.
राजकमल प्रकाशन के डीए पांडेय एवं रामजी मंडल ने बताया कि पुस्तकों पर 10 से 20 प्रतिशत की आकर्षक छूट भी दी जा रही है. मेला सुबह 10 बजे से रात्रि नौ बजे तक संचालित रहेगा. मालूम हो कि प्रख्यात लेखिका आशा प्रभात के संयोजकत्व में सीतामढ़ी में लगा यह नौंवा पुस्तक मेला है.