बैरगनियाः नेपाल से भारतीय क्षेत्र में गिट्टी व बालू की ढ़ुलाई पर रोक लगा दी गयी है. ऐसी बात नहीं कि इस अवैध धंधे को अवैध मान रोक लगायी गयी है, बल्कि पर्यावरण पर उत्पन्न खतरे के मद्देनजर यह कार्रवाई की गयी है. इस कार्रवाई से वैसे लोगों के चेहरे पर 12 बजने लगे हैं जो कल तक इस अवैध कारोबार से जुड़े हुए थे.
मायूस वो भी हैं, जिनको इस अवैध धंधे में शामिल लोग अवैध रूप से पैसा देते थे. बताया गया है कि किसी भी परिस्थिति में नेपाली गिट्टी व बालू का प्रयोग भारतीय सीमा क्षेत्र में होने वाले सरकारी कार्यो में नहीं करना है. कारण कि नेपाली गिट्टी की गुणवत्ता अच्छी नहीं होती है. भारतीय सीमा क्षेत्र के अभियंता नेपाली गिट्टी की गुणवत्ता को परख इसे नकार चुके हैं.
बावजूद सरकारी योजनाओं में नेपाली गिट्टी व बालू का उपयोग किया जाता है. सूत्रों ने बताया कि इसके कारोबार से जुड़े लोग नेपाल में जहां से गिट्टी लेकर ट्रक से चलते हैं और गंतव्य तक पहुंचते हैं तो इस बीच उन्हें हर लोगों को खुश करने के लिए कुछ न कुछ पैसा देना पड़ता है. अब यह बताने की जरूरत नहीं कि गिट्टी कारोबारियों से अवैध वसूली कौन-कौन से लोग करते हैं और अब उनकी यह कमाई पूरी तरह समाप्त हो गयी. ऐसे लोगों को गिट्टी कारोबारियों से हर माह अच्छा आय हो जाती थी. खबर है कि नेपाल से प्रतिदिन करीब डेढ़ सौ ट्रक गिट्टी भारतीय क्षेत्र में आता है जो विभिन्न जिलो में जाता है. नेपाल से गिट्टी लदा ट्रक बैरगनिया, सुप्पी व ससौला होते हुए शिवहर जाता है और वहां से कई ट्रक पूर्वी चंपारण व चकिया के लिए जाता है. वहीं ससौला से बहुत सा ट्रक सीतामढ़ी की ओर चला आता है.