सीतामढ़ी/बेलसंड/सुरसंड/डुमरा : बाढ़ का दौर अब समाप्ति के कगार पर है, लेकिन बाढ़ से उत्पन्न तबाही का दौर अब भी बरकरार है. गांव से लेकर शहर तक ध्वस्त हुई सड़के बाढ़ की भयावहता को बयां कर रहीं है. बेलसंड के मारड़ में निर्मित एप्रोच पथ व पुल ध्वस्त हो गया है.
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बेलसंड में एप्रोच पुल हुआ ध्वस्त
सीतामढ़ी/बेलसंड/सुरसंड/डुमरा : बाढ़ का दौर अब समाप्ति के कगार पर है, लेकिन बाढ़ से उत्पन्न तबाही का दौर अब भी बरकरार है. गांव से लेकर शहर तक ध्वस्त हुई सड़के बाढ़ की भयावहता को बयां कर रहीं है. बेलसंड के मारड़ में निर्मित एप्रोच पथ व पुल ध्वस्त हो गया है. बेलसंड- तरियानी पथ में […]
बेलसंड- तरियानी पथ में माड़र पुल के आगे निर्मित आरसीसीपुल बाढ़ में बह गया.
पुल फलहाल अपने पूर्व के स्थान से 500 मीटर पर दिख रहा है. वहीं अपनी निर्माण की गुणवत्ता को भी बयां कर रहा है. डेढ़ करोड़ की लागत से इस पुल का निर्माण राजेंद्र एंड ब्रदर्स कंपनी द्वारा किया गया है. इस पुल के जरिए बेलसंड का तरियानी, मधुबन व मोतिहारी से दूरी कम हो जाती है. बताया गया हैं कि ठेकेदार की लापरवाही के कारण यह पुल ध्वस्त हुआ है.
पुल टूटने के बाद लोग कीचड़ के रास्ते किसी भी तरह आवागमन कर रहे है. डीएम ने बाढ़ में टूटे सड़क के मरमत के आदेश दिया था. बावजूद इसके इस सड़क का मरमत नहीं किया जा सका है और नहीं डायवर्सन का हीं निर्माण कराया जा सका है. इसके चलते छपरा, हसौर, सिरोपट्टी, डुमरा नूनोरा, मौलानागर व दरियापुर के लोगो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
उधर, डुमरा को भीसा से जोड़ने वाली सड़क भी जर्जर हो गयी है. इस इलाके में सड़क में दर्जनों गड्ढ़े बन गए है. इसी इलाके में डीएवी जैसा प्रमुख शिक्षण संस्थान है, जहां रोजाना हजारों बच्चे जाते है. सड़क की जर्जरता रोजाना हादसे को जन्म दे रहीं है. बावजूद इसके इस सड़क का मरम्मत नहीं कराया जा सका है. सीतामढ़ी-डुमरा मुख्य पथ का आधा हिस्सा अब भी जर्जर है. लंबे समय से किश्तों में सड़क का निर्माण चल रहा है. निर्माण की रफ्तार मंद होने के चलते औद्योगिक केंद्र मोड़ से लेकर कारगिल चौक तक यह सड़क जानलेवा बन गया है. शहर के रिंग बांध की सड़क भी ध्वस्त होकर हादसे की वजह बन रहीं है. एनएच 104 पथ में बाढ़ में बहे गोबरसाही पुल भी हादसे का कारण बनता दिख रहा है.
रून्नीसैदपुर : इलाके में बाढ़ का कहर कम हुआ है, लेकिन अब भी सैकड़ों घर पानी में डूबे पड़े है. जैसे-जैसे पानी कम हो रहा है, ध्वस्त घरों के अवशेष नजर आ रहे है. जिन्हें देख गरीब अपना कलेजा पीट रहे है. दूसरी ओर इस बार रून्नीसैदपुर प्रखंड के सभी 33 पंचायतों में लगी फसले बह गयी है. रून्नीसैदपुर प्रखंड के भादाडीह में दोबारा टूटे तटबंध का मरम्मत जारी है.
बैरगनिया का सड़क व रेल संपर्क अब भी भंग: बैरगनिया . बाढ़ की तबाही के 27 दिन बाद भी बैरगनिया में जिंदगी पटरी पर नहीं लौट सकी है. अब तक जहां बैरगनिया का रेल संपर्क बहाल नहीं हो सका है, वहीं बैरगनिया -सीतामढ़ी व बैरगनिया-चंपारण सड़क संपर्क भंग है. प्रशासनिक रोक के बावजूद फुलवरिया घाट पर नावों का परिचालन जारी है. कई निचले इलाकों में बाढ़ का पानी बरकरार है तो कई इलाके रेगिस्तान में तब्दील होकर रह गए है.
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