सीतामढ़ी : पूरा जिला बाढ़ प्रलयंकारी बाढ़ के चपेट में है. प्रत्येक लोग किसी न किसी रूप में बाढ़ से प्रभावित है. साधारण परिवार के लोगों के समक्ष भुखमरी की समस्या है. इसको लेकर राज्य सरकार हर मोरचे पर डटी हुई है.
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जिले में बाढ़ से बरबादी के लिए जल संसाधन विभाग जिम्मेवार
सीतामढ़ी : पूरा जिला बाढ़ प्रलयंकारी बाढ़ के चपेट में है. प्रत्येक लोग किसी न किसी रूप में बाढ़ से प्रभावित है. साधारण परिवार के लोगों के समक्ष भुखमरी की समस्या है. इसको लेकर राज्य सरकार हर मोरचे पर डटी हुई है. जगह-जगह राहत कैंप लगा कर लोगों विस्थापितों को राहत पहुंचाया जा रहा है. […]
जगह-जगह राहत कैंप लगा कर लोगों विस्थापितों को राहत पहुंचाया जा रहा है. पानी से घिरे लोगों को राहत सामग्री पहुंची जा रही है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व सेना के जवानों द्वारा बाढ़ पीड़ितों का जो सहयोग किया जा रहा है, उसे भुलाया नहीं जा सकता, पर इस सारे बर्बादी का कारण जल संसाधन विभाग है. उक्त बातें सांसद रामकुमार शर्मा ने सोमवार को जिला मुख्यालय, डुमरा स्थित बागमती आइबी में आयोजित प्रेस वार्ता में कही. कहा, सीएम से मिल कर पूरे जिले को बाढ़ग्रस्त घोषित करने व राहत वितरण में तेजी लाने की अपील की है. वे अपने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिये हैं. उनका अपील है कि जिले के हर सक्षम व्यक्ति इस कोष में यथा संभव सहयोग करें ताकि दु:ख की इस घड़ी में पीड़ितों की मदद की जा सके.
बांध के नाम पर होती है लूट
सांसद श्री शर्मा ने बाढ़ के दौरान बाढ़ प्रभावित विभिन्न प्रखंडों के भ्रमण के बाद उन्हें जो देखने व लोगों से बातचीत के बाद समझ में आया, उसके आधार पर कहा कि जिले के अधिकांश भागों में पूरब से पश्चिम की ओर आने-जाने वाली सभी सड़क बुरी तरह से जर्जर हो गयी, चाहे वह जिस विभाग का हो. इसका मुख्य कारण बागमती व अधवारा समूह की नदियों पर बने बांध का टूट जाना है और बांध टूटने का मुख्य कारण गुणवत्ता विहीन बांध का निर्माण है.
इस सब के बावजूद अगर समय रहते बांध की मरम्मत हुई होती तो शायद यहां के लोगों का यह हाल नहीं होता. बताया बाढ़ आने के बाद बांध की मरम्मत किये ग्रामीण व भुगतान करा लिया जेइ व संवेदक. ऐसे कई मामले उनके सामने आया है, जहां पता चलता है कि 50 फीसदी वर्क भी स्पॉट पर नहीं कराया जाता है व आसानी से भुगतान हो जाता है. इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की गयी है. यह बात अलग है कि वर्ष 2004 के बाद इस प्रकार की यह पहला बाढ़ है. बुजुर्गों का कहना है कि उस समय पानी अधिक था गति कम थी, पर इस वर्ष पानी में गति अधिक था. अब तक बाढ़ पीड़ितों को जो सहायता मिली है, उससे अधिक मिलेगा. सीएम से उनकी बात हुई है. उनके द्वारा बताया गया है कि बाढ़ से वास्तविक रूप से प्रभावित लोगों को राहत सामग्री व मुआवजा के अलावे कपड़ा व मकान की सुविधा भी दिया जायेगा. सर्वे शुरू है. रिपोर्ट जाने के बाद सुविधा मिलना शुरू हो जायेगा. कहा, बाढ़ से जितने भी सड़क क्षतिग्रस्त हुए हैं उनका शीघ्र मरम्मत कराया जायेगा. बाढ़ में मरने वालों के कुछ परिजनों को मुआवजे की राशि दी गयी है, शेष को चार लाख 23 हजार की दर से आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से भुगतान की जायेगी.
सांसद रामकुमार ने कहा, विभाग
में बिना काम कराये होता है भुगतान, होगी उच्चस्तरीय जांच
बाढ़ पीड़ितों को मिलेगी हर संभव मदद, पीएम आवास योजना से घर व वस्त्र भी
सांसद ने दिया एक माह का वेतन, हर सक्षम व्यक्ति से राहत कोष में सहयोग की अपील
सांसद बोले, गलत करने वाले ही करते हैं हंगामा
सांसद ने कहा कि जो नेता व कार्यकर्ता जितना गलत करता है, वही उतना हंगामा भी करता है. सृजन घोटाले को लोगों के बीच लाने वाले सीएम नीतीश कुमार ही हैं. देश की सर्वश्रेष्ठ जांच एजेंसी सीबीआइ व इडी से मामले की जांच की अनुशंसा व मांग उनके द्वारा ही की गयी है और हंगामा विरोधियों द्वारा की जा रही है. जांच शुरू हैं, सब दूध का दूध व पानी का पानी हो जायेगा. उन्हें विश्वास है कि जो लोग अधिक हंगामा कर रहे हैं, वही दोषी भी साबित होंगे. मौके पर रालोसपा के जिलाध्यक्ष रामलक्षण सिंह कुशवाहा, वरीय नेता मोहन कुमार सिंह, सांसद प्रतिनिधि श्याम कुमार, नागेंद्र कुमार, अवेधश प्रसाद कुशवाहा, प्रवीण कुमार गुड्डू, मोहन साह, अमित सहाय, उमेश कुशवाहा, विजय चंद्रवंशी समेत अन्य मौजूद थे.
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