सीतामढ़ी : आज पूर्व सांसद मो अनवारुल हक की पुण्यतिथि है. जो निधन के बाद भी अपने नेक कार्यों को लेकर लोगों के दिल में जिंदा हैं.
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पूर्व सांसद मो अनवारुल की मनायी जायेगी पुण्यतिथि
सीतामढ़ी : आज पूर्व सांसद मो अनवारुल हक की पुण्यतिथि है. जो निधन के बाद भी अपने नेक कार्यों को लेकर लोगों के दिल में जिंदा हैं. यही कारण है कि उनके पुण्यतिथि को भव्य बनाने के लिए विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठन के लोग अपने सहभागिता दे रहे हैं. स्व हक के पुत्र मो […]
यही कारण है कि उनके पुण्यतिथि को भव्य बनाने के लिए विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठन के लोग अपने सहभागिता दे रहे हैं. स्व हक के पुत्र मो आजम हुसैन अनवर ने तो पिता के पुण्यतिथि को यादगार बनाने के लिए प्रयासरत है. पिछले एक पखवाड़े से गांव-गांव व शहर-शहर घूम कर अपने पिता के चहेतों को शहर स्थित राजेंद्र भवन में आयोजित पुण्यतिथि समारोह में आने का न्योता दे रहे हैं.
अनवारुल चाचा की मिली उपाधि: स्व हक को भी सीतामढ़ी और शिवहर जिला के लोग अनवारुल चाचा कह कर पुकारते थे. हिंदू और मुसलिम, दोनों समुदाय के लोगों के बीच उनकी गहरी पैठ रही है. उनके करीब अभिराम पांडेय व उदय कुमार बताते है कि वे जात-पात की भावना से ऊपर उठ कर जमात की राजनीति नहीं, बल्कि अगुआई करते थे. वे अपने कार्यकर्ताओं व समाज के दबे-कुचले लोगों के स्वाभिमान की रक्षा के लिए किसी भी हद तक चले जाते थे.
यही कारण था कि उनके समर्थक स्व हक पर अपना जान न्योछावर करने को तैयार रहते थे. 12 अगस्त 2016 को हर्ट अटैक से उनके निधन की खबर सुन कर समाज के दबे-कुचले लोग व कार्यकर्ता फूट-फूट कर रो पड़े थे. हजारों घर में तीन-चार दिन तक चूल्हा-चौका बंद हो गया था.
स्व हक तू बहुत याद आया: उनके निधन के बाद उनके समर्थकों के बीच यह गाना’ शोषितों का नेता न तेरे बाद आया, अनवारुल चाचा तू बहुत याद आया’ प्रचलित हुआ. यह सच भी है. आज भी कई मुसलिम नेता उन्हें अपना आदर्श मान कर राजनीतिक कर रहे हैं.
वर्ष 1972 में सीतामढ़ी जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनने के बाद उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ. 1980 में सोनबरसा विस से वे विधायक बने. 1984 में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े और जननायक कर्पूरी ठाकुर के बाद दूसरे स्थान पर रहे. कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे. 1999 में चित्तौरगढ़ कहे जाने वाले शिवहर लोकसभा सीट से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए बिहार पिपुल्स पार्टी के प्रत्याशी आनंद मोहन को चुनाव हरा कर सांसद बने.
2001 में राजद से अलग होकर भारतीय लोकतांत्रिक पार्टी का गठन कर सात सांसद के साथ अटल बिहारी वाजपेयी को बाहर से समर्थन दिये. वर्ष 2002 में अमेरिका, इरान, इराक, मलेशिया, इंडोनेशिया, कुवैत व सऊदी अरब में भारतीय शिष्टमंडल के अध्यक्ष के रूप रहे. इसके अलावा भी वे कई राजनीति, सामाजिक व धार्मिक पदों पर विराजमान रहे.
हजारों घर का चूल्हा-चौका हो गया था बंद
निधन की खबर सुन फूट-फूट कर रोये थे दबे-कुचले लोग
दबे-कुचले के सम्मान को लेकर हद से गुजरने को रहते थे तैयार
पूर्व सांसद मो हक की पुण्यतिथि 13 अगस्त को
शिवहर. पूर्व सांसद मोहम्मद अनवारुल हक का पुण्यतिथि 13 अगस्त 2017 को गांधी नगर भवन में पूर्वाह्न 11 बजे मनाया जाएगा. उक्त जानकारी अनवारुल हक विचार मंच के जिला अध्यक्ष सह समाजसेवी व जिला परिषद चेयरमैन के पति मनोज कुमार सिंह ने दी है. बताया कि पूर्व सांसद अनवारुल हक विचार मंच के तत्वावधान में शिवहर स्थित गांधीनगर भवन में पुण्य तिथि मनाया जाएगा.जिसमें जिला भर के उनके समर्थक उनके शुभचिंतक मौजूद रहने की संभावना है.
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