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शाम ढलते ही बच्चों को घर में बंद करने की मजबूरी

सीतामढ़ी : सीतामढ़ी नगर परिषद का वार्ड एक. बारिश के पानी से उत्पन्न तबाही का वहीं मंजर यहां दिख रहा है जो शहर के अन्य इलाकों का है. लोग परेशान है. लोगों का दर्द बांटने वाला तक कोई नहीं मिल रहा है और नहीं अब तक प्रशासनिक कारिंदों ने मोहल्ले में पहुंच कर लोगों का […]

सीतामढ़ी : सीतामढ़ी नगर परिषद का वार्ड एक. बारिश के पानी से उत्पन्न तबाही का वहीं मंजर यहां दिख रहा है जो शहर के अन्य इलाकों का है. लोग परेशान है. लोगों का दर्द बांटने वाला तक कोई नहीं मिल रहा है और नहीं अब तक प्रशासनिक कारिंदों ने मोहल्ले में पहुंच कर लोगों का दर्द जानने की कोशिश की है. हमने की लोगों से बात, पेश है लोगों की परेशानी, उनकी जुबानी :-

सोनू कुमार, नया टोल : पानी का निकासी नहीं होने के कारण मोहल्ला टापू बन गया है. बारिश का पानी अजीब सी सड़ांध उत्पन्न कर रहा है. इसके चलते जीना मुश्किल हो रहा है. बच्चों का स्कूल जाना बंद है. महामारी की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है.
सुजीत कुमार, नया टोला : जल निकासी की व्यवस्था नहीं है. मोहल्ला बारिश के पानी से घिर गया है. हर कोई परेशान है. मोहल्ले से निकलने के लिए रास्ता नहीं है. खुद से चचरी का पुल बनवा कर किसी तरह आ-जा रहे है. जलजमाव के बाद कीड़े-मकोड़े का प्रकोप बढ़ गया है. लोग बीमार होने लगे है.
सोनेलाल साह, नया टोल: मोहल्ला में जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. कई सालों से इसी तरह बरसात में मुहल्ला बारिश के पानी में डूबा रहता है. इसके चलते हर कोई परेशान है. कभी कोई प्रशासनिक पहल नहीं होती है. अब तो पानी हेल कर आना और जाना आदत बन गयी है.
शिवकला देवी, नया टोला : पानी का निकासी नहीं होने के कारण हल्की बारिश में हीं मुहल्ला टापू बन जाता है. जिससे बच्चों को स्कूल भेजना भी मुश्किल हो रहा है. शाम ढलते ही बच्चों को घर में बंद करना मजबूरी बन गयी है. रसोई घर में पानी घुस गया है. कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है.
गीता देवी, नया टोल : पूरा मोहल्ला जलजमाव से घिरा है. आने-जाने का रास्ता बंद है. पानी के चलते न एलपीजी वेंडर आ रहा है और नहीं पेपर वाला हीं. सब्जी वाला व पोस्टमैन ने भी मोहल्ले से नाता तोड़ लिया है. बारिश के पानी के चलते रात को घर से निकलने पर सर्पदंश का खतरा बना रहता है.
अजय राउत, नया टोल: पिछले एक दशक से अधिक समय से बरसात में यह इलाका जलमग्न हो जाता है. जब जब बारिश आती है तो रास्ता बंद हो जाता है. ऐसे में चचरी का निर्माण करना मजबूरी बन जाता है. इस बार भी चचरी बनाना पड़ा है. कोई देखने नहीं आता है.
ज्योति देवी, नया टोल: सारे रास्ते बंद है. घरेलु सामान खरीदने के लिए बाजार निकलना भी मुश्किल हो रहा है. पशुओं के चारे पर आफत बन गया है. जैसे-तैसे लोग जीने को विवश है. कोई देखने तक नहीं आया है. खाना बनाना व बच्चों की देखभाल मुश्किल हो रहा है.
शीला देवी, फुलमतनगर: जलजमाव के बाद अब महामारी की आशंका है. बच्चे व वृद्ध बीमार पड़ रहे है. उन्हें अस्पताल ले जाना भी चुनौती बन गया है. चापाकल के पानी में डूबने से पेयजल का संकट उत्पन्न हो गया है.
अनिता देवी, फुलमतनगर : जल जमाव से मोहल्ले के इंसान हीं नहीं पशु भी परेशान है. पशुओं के लिए चारा नहीं मिल रहा है. अपने से अधिक खर्च पशुओं के चारे पर खर्च करना पड़ रहा है. अब तो पशु भी बीमार पड़ने लगे है.
भोला राय, फुलमतनगर : जलजमाव के चलते मजदूरी पर आफत है. आसपास के इलाकों में पानी भर जाने से मजदूरी भी नही मिल पा रही है. इसके चलते घर में चुल्हें भी नहीं जल रहे है. परिवार पर भुखमरी कि समस्या उत्पन्न हो गयी है.
राजेश कुमार, फुलमतनगर: काफी बुरा हाल है. न दिन में सकून मिल रहा है और न रात में चैन. जलजमाव के चलते मच्छर व सांप-बिच्छू का कहर बढ़ गया है. रात में घर में सोने में डर लगा रहता है. छोटे बच्चों को लेकर चिंता बनी रहती है. न नगर परिषद का ध्यान है और नहीं पार्षद का.
शकुंतला देवी, फुलमतनगर: इलाका जलमग्न है. बिजली का तार भी पानी के करीब पहुंच गया है. हादसे की आशंका बनी हुई है. बच्चों की पढ़ाई बंद है. इलाका प्रदूषण की गिरफ्त में है. बच्चे बीमार पड़ने लगे है. पानी की भी किल्लत है.
धीरज कुमार, फुलमतनगर : जलजमाव के कारण रिश्तेदारों के घर या शादी-समारोह में भी जाना मुश्किल हो रहा है. वहीं रिश्तेदार भी पानी के चलते नहीं आ रहे है. रिश्तेदारी खतरे में पड़ गयी है. सारे काम काज ठप है.

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