आज से फजलगंज स्थित परियोजना कार्यालय से प्रखंडवार टेबलेट का वितरण होगा शुरू
4500 टैबलेट का लक्ष्य, प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों का काम होगा आसान
सभी सरकारी प्राथमिक व मध्य स्कूलों को दो, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों को छात्रों की संख्या के आधार पर मिलेगा 2 या 3 टैबलेट
प्रतिनिधि, सासाराम ऑफिस.
समग्र शिक्षा अभियान के तहत जिले की शिक्षा व्यवस्था में तकनीक का नया अध्याय लिखा जाने वाला है. प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्तर तक के 2295 स्कूलों के एचएम हाइटेक होंगे. इसके लिए राज्य से जिले को 2122 टैबलेट मिल चुके हैं. गुरुवार से फजलगंज स्थित परियोजना कार्यालय से प्रखंडवार टेबलेट का वितरण शुरू होगा. हालांकि जिले को कुल 4500 टेबलेट की आवश्यकता है. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी रोहित रोशन ने बताया कि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निर्देशानुसार सभी सरकारी प्राथमिक और मध्य स्कूलों को दो-दो टैबलेट उपलब्ध कराये जायेंगे. वहीं, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों को छात्रों की संख्या के आधार पर दो या तीन टैबलेट दिये जायेंगे. निर्देश के अनुसार प्रत्येक स्कूल में एक टैबलेट का उपयोग प्रधानाध्यापक या प्रभारी प्रधानाध्यापक करेंगे. शेष टैबलेट का जिम्मा वे अपने विद्यालय के अन्य शिक्षकों को सौंपेंगे. जिला स्तर पर आपूर्ति किये गये सभी टैबलेट का रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जायेगा और उसकी एक प्रति राज्य कार्यालय को भेजी जायेगी. वहीं, प्रखंड स्तर पर टैबलेट का वितरण प्रखंड शिक्षा कार्यालय या संसाधन केंद्रों के माध्यम से होगा.प्रशिक्षण से होगी उपयोगिता सुनिश्चित
उन्होंने बताया कि टैबलेट उपलब्ध कराने के बाद प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को इसके बेहतर उपयोग की ट्रेनिंग दी जायेगी. स्कूलों को मिले सभी टैबलेट पर संबंधित विद्यालय का नाम और यू-डायस कोड अंकित करना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही प्रधानाध्यापक को इ-शिक्षाकोष पोर्टल पर टैबलेटवार विवरण दर्ज करना होगा. इसमें आइएमइआइ नंबर, सीरियल नंबर, सिम नंबर, उपयोगकर्ता का नाम और पदनाम शामिल रहेगा.सिम कार्ड भी उपलब्ध कराएंगे बीइओ
डीपीओ एसएसए ने बताया कि सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने प्रखंड कार्यालय पर किसी सेवा प्रदाता कंपनी से समन्वय स्थापित कर टैबलेट वितरण के साथ ही प्रधानाध्यापक को सिम कार्ड उपलब्ध करायें. इसके बाद इसकी जानकारी संबंधित पोर्टल पर अपडेट करनी होगी. शिक्षा विभाग के इस प्रयास से जिले के स्कूलों में एचएम व प्रभारी एचएम के कार्य आसान और कार्य करने की शैली बदलने की उम्मीद है. अब तक लिखित या मोबाइल तक सीमित थी, लेकिन अब तकनीकी आधार मिलेगा. टैबलेट मिलने से न सिर्फ शिक्षण पद्धति सशक्त होगी, बल्कि बच्चों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने में भी मदद मिलेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

