समस्या. 380 से "450 क्विंटल बिक रहा है आलू, किसानों को नहीं मिल पा रहा उचित मूल्य
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आलू की कीमत घटने से परेशान हैं किसान
समस्या. 380 से "450 क्विंटल बिक रहा है आलू, किसानों को नहीं मिल पा रहा उचित मूल्य छपरा/दिघवारा : जिले के दिघवारा व दरियापुर प्रखंड अधीन क्षेत्रों के किसानों की चिंता इन दिनों बढ़ गयी है और हजारों किसानों के चेहरों से मुस्कान गायब है. किसानों की मुश्किलें बढ़ने की मूल वजह उनके हजारों एकड़ […]
छपरा/दिघवारा : जिले के दिघवारा व दरियापुर प्रखंड अधीन क्षेत्रों के किसानों की चिंता इन दिनों बढ़ गयी है और हजारों किसानों के चेहरों से मुस्कान गायब है. किसानों की मुश्किलें बढ़ने की मूल वजह उनके हजारों एकड़ खेतों में उत्पादित आलू के खरीदारों की मांग घटी है. आलम यह है कि किसानों को अपने द्वारा उत्पादित आलू के खरीदार नहीं मिल रहे हैं.
किसान अपने उत्पादित समस्त आलू को कोल्ड स्टोरेज में भी नहीं रख सकते हैं. क्योंकि इन किसानों को आलू बेच कर ही अपने कर्जों को चुकाने के साथ-साथ अन्य लंबित कार्यों को पूरा करने की विवशता है. वहीं दूसरी तरफ दिघवारा, नयागांव व भगवानपुर आदि जगहों के कोल्ड स्टोरेज में भी स्थान सीमित हैं. कोल्ड स्टोरेज में आलू को रखने में भी काफी खर्च आता है, जिस कारण हर किसान कोल्ड स्टोरेज में अपने आलू को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में नहीं रख सकते हैं.
खरीदारों की बाट जोह रहे हैं किसान
इस साल आलू के रेट घटने से किसान काफी मायूस हैं और आलू बोने के अपने निर्णय को कोस रहे हैं. आज स्थिति है कि किसान अपने खेतों से आलू को उखाड़ कर घरों तक ले आये हैं. मगर खरीदारों की बाट जोह रहे हैं. आलू के दाम आधा हो जाने से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. थोक भाव में आलू 380 से 450 रुपये क्विंटल बिक रहा है. आलू के भाव में गिरावट से किसान काफी मायूस हैं.
इस बार आलू की खेती में बहुत नुकसान हुआ है और प्रति कट्ठा एक हजार से ज्यादा का नुकसान है. आलू का रेट घटा है और खरीदार भी काफी कम हैं.
मुन्ना सिंह, किसान, चकनूर
इस बार आलू लगाना घाटे का सौदा रहा. उत्पादित आलू 380 से 450 रुपये क्विंटल बिक रहा है, जिससे पूंजी निकालना भी मुश्किल हो गया है.
अखिलेश, किसान, सज्जनपुर, दरियापुर
आलू की खेती में इस बार किसानों की पूंजी भी नहीं निकल सकी है. किसान अपने घरों में आलू रखकर अपनी किस्मत का रोना रो रहे हैं.
राजेंद्र कुमार, किसान, चकनूर
औने-पौने दामों पर
बेचने की है विवशता
किसानों की मानें तो उनके यहां कई बीघे में लगे आलू का अच्छा उत्पादन हुआ है. मगर आलू का रेट घट जाने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गयी है. उधर वैसे किसान जो महाजनों व अन्य स्रोतों से कर्ज लेकर आलू का फसल लगाया था. वैसे किसानों को विवश होकर कम रेट पर ही आलू को बेचना पड़ रहा है, जिससे बिक्री में लागत राशि भी नहीं निकल रही है.
पहले के मुकाबले में आलू के दाम घटे
एक बिगहा खेत में आलू की लागत
30000 से चालीस हजार रुपया
1 बिगहा खेत में उत्पादित आलू का दाम
20000 से 24000 रुपया
प्रति बिगहा नुकसान
16000 से 24000 रुपये
पहले बाजार में आलू का दाम
7 से 9 रुपये किलो
अभी आलू की कीमत
4 से साढ़े 4 रुपये किलो
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