छपरा : नोटबंदी का असर शादी-ब्याह वाले घरों में तो हो रहा है, साथ ही साथ दूल्हों के शृंगार पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है. शादी में अधिकतर दूल्हे नोटों की माला पहनते हैं. 10, 50 या 100 के नोटों से बने इस माला को पहनने का क्रेज इस बार के लगन में कम हो गया है जिसका कारण नोटबंदी के बाद खुदरा नोटों का अभाव है.
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शादी में नहीं बनेगी नोटों की माला
छपरा : नोटबंदी का असर शादी-ब्याह वाले घरों में तो हो रहा है, साथ ही साथ दूल्हों के शृंगार पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है. शादी में अधिकतर दूल्हे नोटों की माला पहनते हैं. 10, 50 या 100 के नोटों से बने इस माला को पहनने का क्रेज इस बार के लगन […]
दुकानदारों को बैंक से पर्याप्त मात्रा में खुदरा नोट नहीं मिल पा रहे हैं जिस कारण माला बनाने में दिक्कत आ रही है. शहर के सोनारपट्टी स्थित शृंगार का सामान बेचने वाले कुछ दुकानदारों ने बताया कि लगन से पहले जो नोट की माला का जो स्टॉक तैयार किया गया था वो पहले ही बिक चुका है अब नोटबंदी के बाद नए और कड़क नोट आसानी से नहीं मिल पा रहे हैं जिस वजह से नोट की माला नहीं बन पा रही है. हालांकि इन दुकानदारों का कहना है कि है
कि नोटबंदी का असर इनके व्यवसाय पर भी पड़ा है. पैसे के अभाव में बहुत कम ग्राहक खरीदारी करने पहुंच रहे हैं. नोटबंदी से भले ही लोग इन दिनों परेशान हैं पर इस फैसले के बाद अब फिजूलखर्ची में कमी आई है. बैंक के सामने खड़े लोगों के बीच आजकल यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है. शहर जे योगिनीया कोठी स्थित एसबीआई एटीएम के लाईन में खड़े मासूमगंज निवासी विनय कुमार ने बताया कि पहले वो लगभग 100 रूपए प्रतिदिन बेवजह ही खर्च कर दिया करते थे पर जबसे नोटबंदी हुई है उनके फिजूलखर्ची में कमी आई है. इसी लाइन में खड़े श्यामचक के मुकेश चौधरी बताते हैं कि चाय-पान में उनके भी 50-100 फिजूलखर्च हो जाया करते थे पर पैसे के आभाव में बचत हो रही है.
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