तरैया : खदरा नदी छठघाट पर कचरों का अंबार लगा हुआ है. जबकि छठ महापर्व में अब मात्र ग्यारह दिन ही शेष बचे है. तरैया छठघाट पर तरैया समेत मुरलीपुर, रामकोला के लगभग दो हजार छठव्रती महिलाएं व पुरुष भगवान सूर्य को अर्घ्यदान करते है. इस बार छठव्रतियों को काफी परेशानियों से गुजरना पड़ेगा. स्थानीय लोगों व बाजार के व्यवसायियों ने छठघाट के सीढ़ी से लेकर सिरसोपता तक कचरे व गोबर रखकर शौचालय में तब्दील कर दिया गया है.
छठघाट पर छठव्रतियों को अर्ध्यदान देने के दिन समाजसेवी व ग्रामीण नवयुवकों के द्वारा साफ-सफाई तो कर दिया जाता है. लेकिन छठघाट में कचरे होने के कारण छठव्रतियों को घर से ही स्नान कर आना पड़ता है. सबसे बदत्तर स्थित तो छठघाट की सीढ़ियों की है जो टूट-फुटकर ध्वस्त हो चुकी है. सीढ़ियों से नीचे उतरना जान जोखिम में डाल छठव्रती अर्ध्यदान करेगें. छठघाट के पास काफी जंगल होने के कारण मिट्टी खोदकर पोखरे में पानी भर दिया जाता है. जिसमे छठव्रती अर्ध्यदान करते है. वहीं इतनी बड़ी छठघाट होने के बावजूद स्थानीय प्रशासन की तरफ से नही किया जाता है.