छपरा (कोर्ट) : वोट की राजनीति के लिए राज्य सरकार तुष्टीकरण की नीति अपना रही है. शांतिपूर्ण ढंग से जुलूस निकाल अपना विरोध प्रकट करने वाले पर ईंट-पत्थर से हमला किया जाता है लेकिन प्रशासन हमलावरों के बदले निर्दोष लोगों को ही गिरफ्तार करती है और सैकड़ों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें परेशान कर रही है.
दोषियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है. उक्त बातें बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता डॉ प्रेम कुमार ने शनिवार को परिसदन में प्रेस वार्ता में कही. छपरा में 6 अगस्त को हुए हंगामा व उपद्रव की सारी जिम्मेवारी डीएम और एसपी पर डालते हुए कुमार ने कहा कि यदि प्रशासन सचेत होता तो घटनाएं नहीं होती. वीडियो दो अगस्त को वायरल होता है और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बड़ी घटना के इंतजार में बैठा रहता है.
उन्होंने कहा कि सरकार एवं प्रशासन द्वारा किये जा रहे एकतरफा कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं करेंगे. कानून को हाथ में लेने वाले के खिलाफ यदि कार्रवाई नहीं हुई और निर्दोषों के नाम नहीं हटाये गये तो हम चुप नहीं बैठेंगे. उन्होंने पुलिस प्रशासन को तीन दिनों को मोहलत दी कि यदि इस बीच नाम वापस नहीं हुए तो शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन शुरू करेंगे. उन्होंने कहा कि न केवल जिला मुख्यालय बल्कि तरैया, रिविलगंज, दिघवारा समेत अन्य प्रखंडों में भी निर्दोष लोगों कों फंसाया जा रहा है.
वहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद गोपालनारायण सिंह ने कहा कि सारी घटनाएं सुनियोजित है और देश को अस्थिर करने की साजिश चल रही है. वोट की राजनीत को लेकर एक विशेष वर्ग को खुली छूट दी जा रही है. नालंदा व पटना में पाकिस्तानी झंडा का फहराना तथा बिहारशरीफ, रानी तलाब, तारापुर और मुंगेर में एक धर्म का अपमान किया जाना इसका उदाहरण है. उन्होंने कहा कि सुबे में अपराध की घटनाएं लालू राज के रिकार्ड को भी तोड़ रही है
और मुख्यमंत्री शराब को लेकर भ्रमण कर रहे है. मौके पर प्रदेश महामंत्री व पूर्व विधायक विनय कुमार सिंह, उपाध्यक्ष ब्रजेश रमण, विधायक डॉ सीएन गुप्ता, शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा, इंजीनियर सच्चिदानंद राय, गंगा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह, जिलाध्यक्ष वेद प्रकाश उपाध्याय, पूर्व विधायक जनक सिंह, ज्ञानचंद मांझी, रमेश प्रसाद, बंशीधर तिवारी, श्रीनिवास सिंह, रंजीत कुमार सिंह, धर्मेंद्र सिंह चौहान, शैलेंद्र सेंगर आदि उपस्थित थे.