नगर निगम बनने के बाद वार्डों का नये सिरे से होगा पुनर्गठन एवं परिसीमन
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बदल जायेगा नगर परिषद व सदर प्रखंड का नक्शा
नगर निगम बनने के बाद वार्डों का नये सिरे से होगा पुनर्गठन एवं परिसीमन रिविलगंज प्रखंड प्रमुख समेत 100 पंचायत प्रतिनिधियों की जायेगी कुरसी रिविलगंज की एक व छपरा सदर की छह पंचायतों के 23 गांवों के जुड़ने से नगर निगम का क्षेत्रफल होगा 48.06 वर्ग किलोमीटर छपरा (सदर) : छपरा-नगर परिषद को नगर निगम […]
रिविलगंज प्रखंड प्रमुख समेत 100 पंचायत प्रतिनिधियों की जायेगी कुरसी
रिविलगंज की एक व छपरा सदर की छह पंचायतों के 23 गांवों के जुड़ने से नगर निगम का क्षेत्रफल होगा 48.06 वर्ग किलोमीटर
छपरा (सदर) : छपरा-नगर परिषद को नगर निगम का दर्जा मिलने के बाद सदर प्रखंड, रिविलगंज प्रखंड तथा इनमें शामिल सात पंचायतों का नक्शा बदल जायेगा. इनमें कम से कम पांच पंचायतों का अस्तित्व पूरी तरह समाप्त हो जायेगा. वहीं एक दो पंचायतों की सीमा परिवर्तित हो जायेगी. फिलहाल छपरा नगर परिषद का क्षेत्र नक्शा में 23.36 वर्ग किलोमीटर पूरब से पश्चिम की ओर लंबा दिखता है. अब सात पंचायतों के कम से कम 23 गांवों के शामिल होने के बाद इसका क्षेत्रफल 48.06 वर्ग किलोमीटर हो जायेगा. नगर निगम के नये क्षेत्र में पूरब, उत्तर एवं पश्चिम क्षेत्र के 23 गांव शामिल हैं. नगर निगम के प्रावधानों के तहत वार्डों के पुनर्गठन एवं परिसीमन के साथ-साथ बुनियादी सुविधाओं के भी बेहतरी की उम्मीदें जगी हैं.
सात पंचायतों के पंचायत प्रतिनिधियों को अब गंवानी होगी कुरसी : रिविलगंज प्रखंड के मुकरेड़ा, छपरा सदर प्रखंड के फकुली, करिंगा, साढ़ा, मौना, पूर्वी तेलपा, शेरपुर, पंचायतों के कम से कम 100 पंचायत प्रतिनिधियों को कुरसी गंवानी पड़ेगी. इनमें इन पंचायतों के मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, पंच तथा वार्ड सदस्य शामिल हैं. इसके अलावे जिला परिषद के भी एक पद के समाप्त होने की संभावना है. 2017 के मध्य तक छपरा नगर परिषद का कार्यकाल पूरा हो रहा है. बिहार कैबिनेट के छपरा नगर परिषद को नगर निगम का दर्जा मिलने का पत्र मिलते ही जिला पंचायत कार्यालय एवं नगर परिषद,
इस क्षेत्र में आने वाले 44 वार्डों के अलावे नये शामिल होने 23 गांवों को मिला कर नये वार्ड के गठन की तैयारी शुरू कर देंगे. छपरा नगर निगम में वार्डों की संख्या 15 से 20 तक बढ़ने का अनुमान है, जो वर्तमान जनसंख्या के आधार पर वार्ड के क्षेत्र निर्धारण के लिए आवश्यक है. पंचायत प्रतिनिधियों को अब अपनी कुर्सी जाने की चिंता सता रही है. इसमें रिविलगंज के प्रखंड प्रमुख के अलावे साढ़ा, पूर्वी तेलपा, मौना करिंगा आदि के मुखिया शामिल हैं. अब उन्हें जनप्रतिनिधि बनने के लिए नगर निगम क्षेत्र में वार्ड आयुक्त का चुनाव लड़ना पड़ेगा. इसे लेकर इन क्षेत्रों में पंचायत प्रतिनिधियों एवं आम जनों में चर्चा है. वहीं छपरा सदर प्रखंड का क्षेत्रफल भी 20 से 25 फीसदी कम हो जायेगा.
नगर निगम का दर्जा मिलने के बाद शहरी विकास विभाग से पत्र मिलने एवं आयोग के निर्देश के बाद छपरा नगर निगम के वार्डों का नये सिरे से परिसीमन किया जायेगा. छपरा नगर निगम में शामिल होने वाले पंचायतों के प्रतिनिधियों का पद खत्म होने के बाद जिले में मुखिया, वार्ड सदस्य व पंचायत के अन्य पदों की संख्या भी कम हो जायेगी.
संतोष कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, सारण
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