किसानों को नहीं मिल रहा नहरों का लाभ, फसलें हो रहीं प्रभावित
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निजी पंप सेट चला किसान कर रहे सिंचाई
दाउदपुर(मांझी). नहर में पानी नहीं आने से किसानों को फसल की सिंचाई में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों के लिए मुख्य रूप से धान, गेहूं, मक्का, अरहर आदि फसल सालों भर का भोजन है. मौसम की मार से खरीफ फसल में उपज के अपेक्षा खर्च अधिक होने से किसानों की जेब पर […]
दाउदपुर(मांझी). नहर में पानी नहीं आने से किसानों को फसल की सिंचाई में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों के लिए मुख्य रूप से धान, गेहूं, मक्का, अरहर आदि फसल सालों भर का भोजन है. मौसम की मार से खरीफ फसल में उपज के अपेक्षा खर्च अधिक होने से किसानों की जेब पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है.
कहीं जल में जमीन तो, कहीं जल बिन जमीन सूखा है. किसान प्रति दिन निजी पंपसेट चला कर खेतों में धान कि फसल लगाने पर मजबूर है. दाउदपुर थाना क्षेत्र के आदर्श ग्राम बरेजा सहित दर्जनों ग्राम के चंवर के खेत जहां कई वर्ष बाद समय पर पानी नहीं होने से किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
किसानों का कहना है कि पिछले वर्ष जब बारिश कम हुई थी फिर भी धान की समय से रोपनी कर ली गयी. सिंचाई व रोपनी के लिए नहर से पर्याप्त पानी मिल गया, लेकिन नहर ढलाई के बाद सूखा पड़ा है. धान के बिचड़े तैयार होने के कारण निजी संसाधनों से रोपनी करनी पड़ रही है. इससे पहले की अपेक्षा खर्च बढ़ गया.
मांग का महज 20 से 25 फीसदी मिल रहा पानी
बाल्मिकी नगर बाराज में खराबी मुख्य वजह
किसानों को निजी पंपिंग सेट या अन्य कृत्रिम संसाधनों पर निर्भरता सिचाई के लिए बढ़ी
छपरा (सदर) : सारण के विभिन्न क्षेत्रों में सरकार द्वारा करोड़ों के खर्च से बनाये गये नहर खरीफ के मौसम में किसानों के लिए अनुपयोगी साबित हो रहे है. नहर में पानी नहीं होने के कारण किसानों को मशीन चलाकर सिंचाई की मजबूरी है. नहर प्रमंडल सारण तथा नहर प्रखंड एकमा के कार्यपालक अभियंताओं ने अपने क्षेत्र की नहरों में जितनी मात्रा में पानी की मांग की है, उसके 25 से 30 फीसदी भी पानी इन नहरों में नहीं मिल रहा है. वैसी स्थिति में सारण जिले में किसानों को नहर का लाभ धान रोपनी के सीजन में नहीं मिल रहा है.
पटेढ़ा तथा छपरा शाखा नहर के कार्यपालक अभियंता विनय कुमार के अनुसार अपने क्षेत्र में पड़ने वाले दोनों नहर में सिचाई के मद्देनजर 350 क्यूसेक पानी की मांग की गयी थी लेकिन, महज 100 क्यूसेक ही पानी मिल रहा है. इससे सारण जिले में पहुंचते-पहुंचते पानी नहीं के बराबर हो जाती है. वहीं एकमा नहर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता इंद्रजीत कुमार सिंह का कहना है कि बाल्मिकीनगर बाराज में खराबी के कारण ही 375 क्यूसेक की मांग किये जाने के बाद महज 80 क्यूसेक ही पानी मिल पा रहा है जिससे महाराजगंज उप वितरणी तथा छपरा उप वितरणी से जिले के किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. दो तीन दिनों में बाल्मिकीनगर बराज में आयी गड़बड़ी में ठीक होने के बाद इन नहरों को भरपूर पानी मिलने की उम्मीद है.
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